होली विशेष - इको फ्रेंडली 6 कुन्तल अबीर गुलाल उड़ा नैनीताल में, "जो नर जीवे खेले फाग"में झूमी सरोवर नगरी।

सरोवर नगरी नैनीताल फागोत्सव के सातवें दिन उल्लास के रंग में सरोबार दिखा। राम सेवक सभा की ओर से निकाले गए होली जुलूस में जमकर इको फ्रेंडली अबीर-गुलाल भी  उड़ाया गया। फागोत्सव के तहत नैनीताल में राम सेवक सभा प्रांगण से होली जुलूस निकाला गया, होल्यार होली गायकी के साथ "जो नर जीवे खेले फाग..कहकर आशीष भी दे रहे थे। इस बार होली जुलूस के दौरान हर्बल और इको फ्रेंडली 6 कुन्तल गुलाल का प्रयोग किया गया और रंग-बिरंगे गुलाल ने सरोवर नगरी को अपने आगोश में ले लिया. होलीयारों ने परंपरागत होली गाकर नाचते गाते होली जुलूस मल्लीताल बाजार, आर्यसमाज, कमेटी लाइन, जयलाल साह बाजार से निकालते हुए वापस राम सेवक सभा प्रांगण पहुंचकर संपन्न कराया। 

कुमाऊ में होली पर चीर बंधन की एक विशेष परम्परा है। कुमाउनी इतिहास में शिवरात्रि से ही मंदिरो में चीर लगाई जाती थी, जिसके बाद से उसकी सुरक्षा के लिए रात्रि भर होली गायन कर उसकी सुरक्षा होलिका चीर दहन तक की जाती थी। मान्यता है अगर चीर चुरा ली जाती थी तो उस गाँव के लोग तब तक चीर का रोपण नही कर सकते थे, जब तक कि वो दूसरे की चोरी कर चीर अपने यहां नही लाते थे।