हैदराबाद एनकाउन्टर की न्यायिक जांच की मांग

रामनगर- महिला एकता मंच ने हैदराबाद एनकाउन्टर की न्यायिक जांच कराने, बलात्कार व महिला अपराधों के मुकदमों की सुनवाई ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अधिकतम 6 माह में पूरी किये जाने, पोर्न व अश्लीलता को गैर जमानती अपराध घोषित किये जाने, कार्य स्थलों व स्कूल-कालेजों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत कमेटियों का गठन करने आदि की मांग को लेकर जुलूस निकाला तथा सभा का आयोजन किया। शहीद पार्क में हुई सभा को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि हैदराबाद एनकाउन्टर महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार का समाधान नहीं है। 


सरकार ने इस एनकाउन्टर के द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठ रही देशव्यापी आवाज को गलत दिशा में मोड़ने का काम किया है जो की बेहद घातक है।वक्ताओं ने कहा कि 11 साल पहले भी एसिड अटैक के 3 आरोपियों को वारंगल में हैदराबाद की तर्ज एनकाउन्टर किया गया था परन्तु इससे महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी नहीं आयी है।मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व बराबरी को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। 


कार्यक्रम में नीलू रस्तोगी , अनीता सैनी, गीता आर्य,सरस्वती जोशी, विमला देवी, पुष्पा चंदौला, महक, सान्या, शीला, कैसर राना, कपिल शर्मा, प्रभात ध्यानी, प्रेम राम, मदन  मेहता, आदि के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सेदारी की है।