हाईकोर्ट के निर्देश गंगा यमुना की पवित्रता और स्वच्छता के लिये उठायें उचित कदम
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गंगा - यमुना की निर्मलता को लेकर उठ रहे सवालों के मामले मे नैनीताल हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि सरकार अपने स्तर से गंगा और युमना नदियो की पवित्रत्रा के और सफाई के लिए उचित कदम उठाए और अमल में लाए, वहीं कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है,पूर्व में कोर्ट में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल,दिल्ली, हरियाणा, को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए थे,
दिल्ली निवासी अजय गौतम ने नैनीताल हाईकोट में पत्र भेजकर गंगा और यमुना नदी में बड़ रहे प्रदुषण की शिकायत की साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि करोड़ो हिन्दु लोग रोज गंगा और यमुना नदी के पवित्र जल से आचमन्य करते है लेकिन ये गंगा और यमुना का पानी आचमन्य योग्य नही रह गया है,और गंगा में जगह जगह गंदगी डाली जा रही है और कई जगह सिवर का पानी भी गंगा में जा रहा है,जिसके लिए सरकार को निर्देश दिए जाए कि गंगा और यमुना नदी को स्चच्छ रखा जाए ताकि इन नदियो के पानी को आचमन्य समेंत अन्य कार्यो के लिए प्रयोग में लाया जा सके।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजय वीर पुंडीर को एमिकस क्यूरी वाद मित्र नियुक्त करा था,, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने उन राज्यो को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी किये थे जिन राज्यो से गंगा और युमना नदी बहती है।