हरीश रावत को भगवान राम का सहारा।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने 29 नवंबर को अयोध्या जाएंगे, उन्होंने यह जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि देश को यहां से बहुत आगे बढ़ना है, हम मिलजुलकर ही आगे बढ़ सकते हैं।मैं 29 नवंबर को अपने आराध्य देव राजा राम चन्द्र को धन्यवाद देने अयोध्या जाऊंगा। साथ ही लिखा है कि उनसे प्रार्थना करूंगा व कहूंगा, भगवान अब आगे और कोई ऐसा विवाद पैदा न हो जो मेरे देश की सामाजिक एकता व शान्ति को खण्डित करता हो।


अयोध्या राममंदिर मामला देश में राजनीति का केन्द्र रहा है,देश में राज्यों में भाजपा ने इस मुद्दे पर कई बार सरकार बनाई।अब जब अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला आ चुका है तो हरीश रावत भी शायद इसे हाथों हाथ लेकर अपनी डूबती कांग्रेस की नैय्या पार लगाना चाहते हैं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि हरीश रावत सामाजिक एकता व शान्ति के लिए अयोध्या जा रहे हैं, या इस मुद्दे के सहारे अपनी राजनीति को जिंदा करने, क्योंकि कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के राजनीतिक सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं, विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह लोकसभा चुनाव भी हार गए, वहीं स्टिंग प्रकरण में उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट में उनका केस चल रहा है। देश में कोई भी बड़ा मुद्दा हो उस पर राजनीति न हो यह मुमकिन नहीं चाहे वह फिर भगवान या लोगों की आस्था से जुड़ा ही क्यों न हो। राम मंदिर तो भारत की राजनीति का केन्द्र बिंदु रहा है, अब हरीश रावत भी शायद भगवान राम के सहारे अपनी नैय्या पार लगाना चाहते हैं,आशा करते हैं कि भगवान राम उनकी मनोकामना पूर्ण करे।