स्कूलों की मान्यता कराने को लेकर रिश्वत मांगने का ऑडियो हुआ वाय़रल

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार जीरो टाॅयरलेंस पर काम कर रही है,लेकिन अधिकारी है कि जीरो टाॅयरलेंस की खुली धज्जियां उठा रहे है जी हां ये हम ऐसे ही नहीं कर रहे एक आडियों से इसकी पुष्टि होती हुई नजर आ रही है,जिससे कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में प्राईवेट स्कूलों की मान्यता दिलाने के नाम पर खुले तौर से पैंसा की मांग की जा रही है।यहां तक कि अधिकारी ये तक कहते हुए नजर आ रहे है कि उन्होनें उनकी मांग के मुताबिक पैंसे नहीं दिए तो उनकी मान्यता की फाइल फाइलों की बीच दबा दी जाएंगी।आडियो अधिकारी और स्कूल संचालक के बीच बातचीत का है।आडियों में क्या कुछ बाते की जा रही है,आप सुन सकते है।खास बात ये है कि शिक्षा मंत्री के निजी सचिव सोमपाल तक पैंसे पहुंचाने की बात भी की जा रही है और जब शिक्षा मंत्री के निजी सचिव फोन करेंगे फाइल बढ़ाने में और आसानी की बात भी कही जा रही है।यहां तक अधिकारी स्कूल संचालक को शिक्षामंत्री के निजी सचिव का नम्बर भी बातचीत के दौरान दे रहे है।स्कूल संचालक जब अधिकारी से शिक्षा मंत्री के पैंसे लेने का सवाल पूछते है तो अधिकारी कहते है कि शिक्षा मंत्री तो नही लेकिन उनके स्टाॅफ के अधिकारी पैंसे लेंगे।दो आडियों बातचीत के वायरल हुए है जो दूसरा इस प्रकार है। आवाज उत्तराखंड ने पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के मामलों को उठाया है।इससे पहले आवाज उत्तराखँड ने घनसाली में हुए भ्रष्टाचार के एक मामले को उठाया था।लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश में जीरो टाॅयरलेंस वाली सरकार चल रही है तो फिर कैसे स्कूलों की मान्यता दिलाने के लिए अधिकारी पैंसे की मांग रहे है जिससे मुख्यमंत्री की छवि पर भी असर पर रहा है,साथ ही शिक्षा मंत्री कहते है कि उनके विभाग में पूरी तरह से भ्रष्टाचार खत्म हो गया है तो फिर ये भ्रष्टाचार का आडियों कैसे वायरल हो रहा है।यहां तक कि शिक्षा मंत्री के निजी सचिव का नाम भी आडियों में आ रहा है।हांलाकि शिक्षा सचिव मिनाक्षी सुंदरम ने मामले का संज्ञान लिया है आवाज उत्तराखंड से फोन पर बात करते हुए शिक्षा सचिव ने आडियों की जांच करने की बात कही है और कारवाई करने की बात भी कही,शिक्षा मंत्री से मामले जब हमने उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो शिक्षा मंत्री उत्तराखंड से बाहर थे।साथ ही जब हमने आडियो में नाम आ रहे सचिव से बात की तो वह भी बाहर थे।आपको बता दें कि आवाज उत्तराखंड इस आडियो की पुष्टि नहीं करता।लेकिन देखना ये होगा कि आखिर पूरे मामले में शिक्षा मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्या कुछ रूख अपनाते है।