सुप्रीम कोर्ट के आदेशो पर फिर लटका सड़क निर्माण ग्रामीणों की फिर टूटी आश

पौड़ी में पिछले लम्बे समय से पक्की सड़क की राह तांक रहे प्रेमनगर-गडोली क्षेत्र को लोगो की उम्मीदों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है पहले जहाँ एनजीटी विवाद के चलते पक्की सड़क का निर्माण रुका हुवा था तो वहीँ एनजीटी से सड़क निर्माण को क्लीन चिट मिलने के बाद इस मामले के सुप्रीम कोर्ट पहुँचने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशो पर सड़क निर्माण की प्रकिया में एक बार फिर से रोक लग गई है ऐसे में ग्रामीणों की उम्मीदों पर एक बार फिर से दोबारा पानी फिर गया है बताते चले की इस सड़क को रिजर्व फारेस्ट के दायरे में बताने पर एक व्यक्ति ने एनजीटी को शिकायत कर सड़क निर्माण कार्य रुकवा दिया था जिस पर कई सालो तक एनजीटी सड़क का सर्वे करती रही और आखिरकार ग्रामीणों की हित में फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने पक्की सड़क निर्माण की इजाजत लोक निर्माण विभाग को दे दी ऐसे में तेज़ी से सड़क निर्माण की प्रकिया में जुटे लोक निर्माण विभाग ने इसके टेंडर तक निकाल डाले थे लेकिन एक बार फिर से सड़क को रिजर्व फारेस्ट के दायरे में बताते हुए इस मामले पर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुँची और एक बार फिर से सड़क निर्माण प्रकिया पर रोक लग गई है इस सड़क का निर्माण कार्य 2011 में शुरू हुवा था जिस पर ये कच्ची सड़क बनकर तैयार हुई और तब से विवादो में फंसी कच्ची सड़क ग्रामीणों को मानो मुह चिड़ा रही हो सड़क की हालत भी साल दर साल मैटेन्स न होने के चलते खस्ता होते जा रही है बरसात में आये बड़े बड़े बोल्डर और कुछ पेड़ तक सड़क के विवादों में घिरने के कारण अब तक हटाते नही गए हैं साथ ही सड़को उगी झाड़िया इसके खस्ताहाल को बयां कर रही है सड़क का निर्माण पूरा होता तो सड़क श्रीनगर नेशनल हाईवे से कोटद्वार नेशनल हाईवे को लिंक मार्ग के तौर पर जोड़ती जिससे ग्रामीणों की परेशानी भी सुलझ जाती लेकिन सड़क विवाद ने ग्रामीणों की मुसीबते बढ़ा दी हैं ग्रामीणों का कहना है की पक्की सड़क तक पहुँचने के लिए उन्हें मीलो का सफर तय करना पड़ता है स्वास्थ सुविधा व 108 भी कच्ची सड़क में गिरे बड़े बड़े बोल्डर और सड़क खस्ताहाल के चलते गॉव तक नही पहुँच पाती जिससे उन्हें मीलो का सफर पक्की सड़क तक पहुँचने के लिए तय करना पड़ता है वहीँ लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता ने जानकरी देते हुए बताया की एनजीटी को दोबारा से सर्वे कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशो में कहा है जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा सड़क निर्माण के अनुमति सुप्रीम कोर्ट अपने आदेशो में देता है या नही।