सिख समुदाय में राजनीतिक उपेक्षा के प्रति आक्रोश

सिख संगठन उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के आह्वान पर पंजाबी सिख समाज ने एकता का परिचय देकर हजारों की संख्या में गांधी पार्क में पहुंच कर पंजाबी सिख समाज की हो रही राजनीतिक उपेक्षा के प्रति आक्रोश जताया। गांधी पार्क में पंजाबी सिख महासभा के आह्वान पर ऐतिहासिक भीड़ जुटी। वक्ताओं ने उत्तराखंड में पंजाबी सिख समाज की सरकार में भागीदारी की जोरदार मांग उठाई। 


महासम्मेलन में जहां किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की मांग उठी, वहीं राय सिख समाज को पंजाब की तर्ज पर अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग को जोर शोर से उठाया गया।रुद्रपुर के गांधी पार्क में सिख समाज से जुड़े हुए लोगो द्वारा पंजाबी सिख महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे हजारों की संख्या में लोग सुबह से ही गांधी पार्क में जुटने लगे।महासम्मेलन को लेकर सिख व पंजाबी समाज मे भारी उत्साह दिखाई दिया। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से समुदाय के लोग भारी संख्या में रूद्रपुर पहुंचे । उत्तराखंड में पंजाबी सिख समाज की हो रही राजनीतिक उपेक्षा से लोगों में भारी आक्रोश दिखाई दिया।मंच से वक्ताओं ने कहा कि राज्य में पंजाबी सिख समाज की आबादी करीब दस लाख है और वर्तमान में सत्तारूढ़ दल में चार पंजाबी विधायक हैं, लेकिन सरकार के मंत्रिमंडल में एक भी विधायक को जगह न मिलना समाज की उपेक्षा को दर्शाता है। वक्ताओं ने मांग की कि उन्हें संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। मंच से यह भी कहा गया कि संगठन समाज की समस्याओं को लेकर लामबंद और एकजुट है। यदि समय रहते पंजाबी सिख समाज को राज्य में बराबर भागीदारी नहीं मिली तो पंजाबी सिख समाज आने वाले समय में एकतरफा निर्णायक भूमिका निभाने पर विचार करेगा। मंच से यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि संगठन संवैधानिक दायरे में रह कर समाज को संगठति कर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा। वक्ताओं ने समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, नशा जैसे मुद्दों पर समाज को जागरूक करने का भी काम करेगा। संगठन किसी भी देश विरोधी एवं शरारती तत्वों की हिमायत नहीं करेगी और न ही किसी राजनीतिक दल का विरोध व समर्थन करेगा। इस दौरान संगठन द्वारा गांधी पार्क में दिन भर लंगर चलता रहा।