सरकार से पर्यटन व्यवसाय को बचाने की मांग।

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का देश में कई कामकाज पर व्यापक असर पड़ा है। जिससे इन कामों से जुड़े लोगों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। लॉकडाउन के चलते पर्यटन व्यवसाय सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।


उत्तराखंड की बात की जाए तो प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय ही राज्य के राजस्व का बड़ा स्तोत्र है। लेकिन लॉकडाउन के कारण पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित है, और आगे भी 6 माह तक इसके चलने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में अब पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने सरकार से राहत की गुहार लगाई है। द कार्बेट होटल्स एंड रिजॉर्ट एशोसिएशन ने राज्य सरकार से पर्यटन उद्योग व स्थानीय रोजगार को बचाने की मांग की है।


एसोसिएशन की मांग है कि कर्मचारियों की तनख्वाह, बाजार के बकाये पैंसे तथा अन्य देनदारियों के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाए।
जब तक परिस्थितियां सामान्य न हो जाएं सरकार कर्मचारियों की तनख्वाह का आधा हिस्सा अपने पास से दे तथा पीएफ व ईएसआई का पूरा हिस्सा अपने पास से दे।
समस्त लाइसेंस व नवीनीकरण की अवधि को 1 साल के लिए निशुल्क बढाया जाए, चाहे वह बार का हो या प्रदूषण आदि विभाग के।
बिजली तथा पानी के बिल उपभोग पर लिए जाएं ना कि न्यूनतम दर पर।
पर्यटन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्यटन आधारित नीतियों की घोषणा करे।