सरकार को आईना दिखा कर हैड़ाखान में लोग श्रम दान कर बना रहे हैं सड़क

फिल्म नया दौर का गाना साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाए तो दूजा हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना आपने जरूर सुना होगा. इस फिल्म में गांव वाले श्रमदान कर सड़क बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करते दिखाई देते हैं. ठीक ऐसा ही कुछ नजारा नैनीताल जिले के हैड़ाखान में भी देखने को मिल रहा है. यहां सिस्टम की नाकामी की वजह से लोगों ने खुद ही श्रमदान कर सड़क बनाने का फैसला लिया है और ग्रामीण सरकार को आइना दिखाने का काम कर रहे हैं.


नैनीताल जनपद के हैड़ाखान में बीते 24 फरवरी को हुई बारिश की वजह से सड़क मार्ग टूट गया था, इसकी शिकायत ग्रामीण लोक निर्माण विभाग, नैनीताल डीएम, कुमाऊं कमिश्नर और मुख्यमंत्री के सचिव तक कर चुके हैं. लेकिन कोई नतीजा अभी तक नहीं निकला,थक हारकर शियूडा, लूगड, पटरानी, हरीशताल, समेत करीब 70 गांवों के ग्रामीण, ग्राम प्रधान और पूर्व विधायक ने श्रमदान कर सड़क को ठीक करने का बीड़ा उठाया है. यह सड़क 70 गांव और 2 जिलों चम्पावत समेत पिथौरागढ़ को जोड़ती है। इस सड़क टूट जाने से अब कई घरों, गौशालाओं पर भी खतरा मंडरा रहा है, जिससे ग्रामीणों को अपनी जान का खतरा सताने लगा है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क टूटने से उनकी करीब 10 नाली भूमि का कटान हो गया है. इसके बावजूद भी ग्रामीण अपनी भूमि सड़क निर्माण के लिए देने को तैयार हैं. लेकिन राज्य सरकार सड़क नहीं बना रही है. शिकायत के बावजूद सड़क निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग और किसी भी अधिकारी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया है. इसकी वजह से आसपास के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अब ग्रामीणों ने खुद ही सड़क को ठीक करने का जिम्मा उठाया है.