समाज का दोगला चेहरा आया सामने कोरोना योद्धा डॉक्टर के घर के बाहर लगाई बेरिकेडिंग ।

कोरोना महामारी से अगर आपको इस वक्त कोई बचा रहा है तो वो हैं डॉक्टर और सभी हेल्थकेयर कर्मचारी।अगर ये ना हो तो आपको इस खतरनाक वायरस से खुद ही जूझना पड़ेगा,इनका सम्मान करना हम सब का कर्तव्य है,लेकिन हकीकत बहुत कड़वी और शर्मनाक है।कोरोना मरीजों का इलाज करते समय खुद ही कोरोना पॉजिटिव आने वाले डॉक्टरों का साथ देने की बजाय उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है उनका हौसलाअफजाई करने की बजाय उनके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है जो समाज का एक दोगला चेहरा दिखा रहा है।

दरअसल देहरादून मीडिया के हवाले से पता चला है कि दून मेडिकल कॉलेज की एक डॉक्टर कोरोना मरीजो का इलाज कर रही थी,अपनी खुद की जान दांव पर लगा कर  वो दिन रात लोगो की सेवा कर रही थी इस वजह से वो अपने घर तक नही गयी,खुद जब कोरोना संक्रमित हुई उस दौरन भी अपने परिवार से बिल्कुल दूर ही रही ,लेकिन कोरोना को हरा कर जब वो अपने घर पहुंची तो वहाँ का नज़ारा देखकर वो खुद को रोक नही पाई और रो पड़ी।डॉक्टर के घर पहुंचने से पहले ही आसपास के लोगो ने डॉक्टर के घर के पास जाली वाली बेरिकेडिंग लगा दी ,बमुश्किल जाली के एक कटे हुए हिस्से से निकल कर वो अपने घर पहुंची,और खूब रोने लगी।इस पूरे वाकिये को उन्होंने व्हाट्सएप में बने डॉक्टरों के एक ग्रुप में शेयर किया है जिसमे उन्होंने बताया है कि कोरोना मरीजो का इलाज करने के लिए वो अपने घर से दूर होटल में रह रही थीं, जब वो कोरोना संक्रमित हो गयी तब भी उन्होंने अपने परिवार से दूरी ही बना कर रखी थी इसके बावजूद उनके परिवार वालों के साथ पड़ोसियों के बर्ताव अच्छा नही था,डॉक्टरों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार बहुत दुखदाई है।

इस पूरे घटनाक्रम से हमारे समाज का दोगला चेहरा सामने आया है,जो खुद बीमार पड़ने पर डॉक्टरों पर निर्भर रहता है लेकिन जब इन्ही डॉक्टरों को सामाज की सहानुभूति, सम्मान,चाहिए होता है तब ये समाज फेल साबित होता है।