रोडवेज कर्मचारी यूनियन का केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का तर्क उत्तराखंड हाइकोर्ट ने स्वीकारा

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने को कहा है। याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि यूपी व उत्तराखण्ड के विभाजन के दौरान परी सम्पतियों के बंटवारे के लिए कुछ अधिकार केंद्र सरकार के पास होने के कारण परिवहन निगम की बकाया धनराशि अभी तक नही मिल पाई है,इसलिए केंद्र को पक्षकार बनान अति आवश्यक है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क को स्वीकारते हुए केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है और 2 जनवरी तक जवाब पेश करने को कहा है।            

    आपको बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो कि नियम के विरुद्ध है, सरकार उन लोगो को हड़ताल करने पर मजबूर करती आई है। सरकार व परिवहन निगम न तो उनको नियमित कर रही है, न ही उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है,और न ही उनको पिछले चार साल से ओवर टाइम दिया जा रहा है, और ना ही रिटायर कर्मचारियों के देयको का अब तक भुगतान किया गया। यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगो को लेकर समझौता हो चुका है उसके बाद भी सरकार एस्मा लगाने को तैयार है। याचिकाकर्ता के अनुसार जहाँ सरकार ने निगम को 69 करोड़ रुपया बकाया देना है वही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी निगम को सात सौ करोड़ रुपया देना है, अगर सरकार व निगम इनको वसूले तो यूनियन व निगम की सारी समस्याएं इस धन राशि से ही सुलझ जाएँगी। सरकार का उनके उपर एस्मा की कार्यवाही करना न्याय विरुद्ध है।