रोक हटने के बाद भी पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्यों की नियुक्ति नही करवा पा रहा उत्तराखंड शासन अटकी हुई है फाइल

उत्तराखंड राजकीय पॉलीटेक्निक के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विभागीय पदोन्नति पर लगी रोक को सरकार के हटाने के बाद भी प्रधानाचार्य के पद रिक्त पड़े हुए है जिससे फ़ैकल्टी पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इतने समय बाद भी प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर अब भी नियुक्ति नही हो पाई है इसके संदर्भ में उत्तराखंड पोलीटेक्निक शिक्षक संघ के अध्यक्ष द्वारा उत्तराखंड अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा से प्रधानाचार्य के पद पर प्रोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति की लंबित प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर भरे जाने की मांग की है प्रदेश के जिन पॉलीटेक्निको में कुल प्रधानाचार्य के कुल 35 पदों पर प्रोन्नति की जानी थी लेकिन नए प्रधानाचार्यो की नियुक्ति का ये मामला जुलाई 2019 से अभी तक अधर में लटका हुआ है। 





आपको बता दे कि प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के पात्र शिक्षकों का जनवरी 2016 से पहले ही प्रधानाचार्य पद का वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया था,जिसके मुताबिक अब अगर रिक्त पदों को भरा भी जाता है तो कोरोना संकट के दौर में सरकार के राजकीय कोष पर किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नही पड़ेगा। 

शासन के आदेश के बाद से उत्तराखंड राजकीय पॉलीटेक्निको के पदोन्नति से भरे जाने वाले 60 % पद खाली पड़े हुए हैं ।

उत्तराखंड पॉलीटेक्निक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मुकेश तिवारी के द्वारा सरकार से इन रिक्त पदों को भरने की मांग की गई है ताकि सेवारत शिक्षकों को उनके परिश्रम का लाभ मिल सके और न्याय मिल सके।