रूड़की तहसील के बडेरी ग्राम प्रधान को निष्कासित कर वित्तीय अधिकार किये सीज,पंचायती राज सचिव ने कोर्ट को कराया अवगत

उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ में रुड़की तहसील के ग्राम बडेरी गांव में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में की गई भ्रष्टाचार के मामले में आज पंचायती राज सचिव ने व्यग्तिगत रूप से पेश हो कर कोर्ट को अवगत कराया कि ग्राम प्रधान को उनके पद से निष्कासित कर उनके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए है, और 4 लोगों की कमेटी बना दी गई है जो विकास कार्यों में हुए घोटालों की जांच करेगी। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 जनवरी की तिथि नियत की है।
आपको बता दे कि हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि तहसील रूड़की ग्राम बड़ेरी, राजपूताना जिसके अंतर्गत 3 गांव आते हैं, वहां की प्रधान और उनके पति और गांव के पंचायत सदस्यों द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में घपला किया हुआ है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने सबसे पहले 2018 में प्रधान और प्रधान के पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसमें आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पता करने पर जानकारी मिली कि फ़ाइल स्पेशल इन्वेस्टीगेशन स्क़वाड के दफ्तर में पड़ी है। उसके बाद याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रत्यावेदन दिया और बताया कि हर व्यक्ति इससे प्रभावित हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार ने एसएसपी हरिद्वार से किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मामले की जांच करने के लिए कहा, जिसके बाद ममता बोरा ने सारे अभिलेखों का परीक्षण कर पाया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालयों में भारी अनियमितताए पाई गई और गाँव के कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में भी निम्न स्तर का माल लगाया गया है। इसके साथ ग्राम प्रधान द्वारा चोरी से गांव की बिजली की लाइन से बिना अनुमति के कनेक्शन लिया गया।