राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की के वैज्ञानिक करेंगे नैनीझील का बैथीमैट्री विशलेषण

नैनीताल में स्थित नैनीझील जहां एक ओर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है, वहीं इस झील की सुंदरता व जैवविविधता के कारण यह विश्व प्रसिद्व पर्यटन स्थलों में शुमार है।नैनीझील एक अत्यन्त संवेदनशील जलाशय है तथा नैनीताल नगरवासियों की पेयजल आपूर्ति हेतु मुख्य स्रोत है। नैनीझील की जैवविविधता तथा इको सिस्टम का स्थाई बने रहना नगर के पर्यटन व्यवसाय, पेयजल आपूर्ति तथा बडी संख्या में नगरवासियों के जीवनयापन हेतु अत्यन्त आवश्यक है, इसे देखते हुए विगत कई वर्षो में नैनीझील के संरक्षण हेतु विभिन्न तकनीकी संस्थाओं द्वारा अलग-अलग प्रकार से शोध एवं तकनीकी सर्वे कार्य किये गये है। इसी के तहत 9 नवंबर 2019 से राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की के वैज्ञानिकों द्वारा नैनीझील का बैथीमैट्री विशलेषण प्रारम्भ किया जायेगा। इस बारे में जानकारी देते हुए नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि नैनीझील की प्रकृति तथा पानी की सतह के नीचे पानी की आन्तरिक संरचनाओं मे हुए परिवर्तन, झील के दीर्घकालीन संरक्षण, झील की संग्रहण क्षमता, विकास तथा इको सिस्टम को बनाए रखने हेतु 9 नवम्बर सेे रूडकी के वैज्ञानिकों द्वारा सघन बैथीमैट्री विश्लेषण किया जायेगा। झील की प्रकृति पानी की सतह के नीचे की संरचनाओं, लैण्ड टोपोग्राफी, लेक फ्लोर एवं अन्य तकनीकी विषयों को ज्ञात करने के लिए बैथीमैट्री विशलेषण अति आवश्यक है। इसके लिए वरिष्ठ वैज्ञानिक जलविज्ञान संस्थान रूड़की डा.वैभव गर्ग के नेतृत्व में 5 सदस्यीय तकनीकी टीम कार्य करेगी जो झील विशलेषण कार्य हेतु जीपीएस लैस इको बोट के साथ सहवर्ती उपकरण भी साथ लायेगी जो सोनार तकनीकी पर कार्य करती है। तकनीकी टीम झील का विशलेषण शनिवार 9 नवम्बर राज्य स्थापना दिवस के दिन से प्रारम्भ करेगी।