राम मंदिर की लड़ाई में नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नही:डॉ सुब्रमण्यम स्वामी

बीजेपी के दिग्गज नेता, राज्यसभा सांसद और अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रुप में काम करने वाले डॉ सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर बीजेपी विरोधी बयानबाजी के चलते चर्चाओं में रहते हैं इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जिसे सुनकर पीएम नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के कई नेताओं की नींदे उड़ गई होंगी, आखिर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी "मेरी बिल्ली मुझे ही मियाउ "वाली कहावत जो पूरी कर दी। एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ‘राम मंदिर में पीएम मोदी का तो कोई योगदान है ही नहीं ! सारी बहस हमने की, जहां तक मैं जानता हूं सरकार के तरफ से उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसके बारे में कह सकें की उसकी वजह से निर्णय आया है"।उन्होंने ये भी कहा कि "जिन लोगों ने काम किया उनमें राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंघल का नाम शामिल है, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने भी इसमें अडंगा अड़ाया था। अशोक सिंहल ने खुद उन्हें यह बात बताई थी।’ दरसअल, अशोक सिंघल विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष थे। साल 2015 में उनकी मृत्यु हो गई। अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम में उनके घर से भी मिट्टी जा रही है। सुब्रमण्यम स्वामी के तीखे बोल ना केवल बीजेपी के नेताओ के कानों को चुभ रहे होंगे बल्कि अब खुद स्वामी भी बीजेपी के आंखों की किरकिरी बन गए होंगे।
आपको बता दें कि राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर भी कई तरह की बयानबाजियां हो रही है। पिछले दिनों ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने भी राम मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए थे, उन्होंने कहा था कि 5 अगस्त को भूमि पूजन दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि में है। शंकराचार्य ने यह भी कहा था कि विष्णु धर्म शास्त्र के अनुसार भाद्रपद मास में किया गया शुभारंभ विनाश का कारण होता है,जिसके बाद शंकराचार्य के शिष्य अविमुकतेश्वरानंद सरस्वती ने भी मुहूर्त पर सवाल उठाए। वहीं बीते दिनों कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्तो को लेकर सवाल उठाए थे,उन्होंने कहा था कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नहीं है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।विपक्ष और विरोधी बयानबाजी करे तो समझ मे भी आता है लेकिन अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी के विभीषण साबित हो रहे हैं ।