रामगंगा बांध जलाशय में नौकायन, आमडंडा में सफारी का प्रस्ताव।

अविभाजित उत्तर प्रदेश में रामगंगा बांध परियोजना के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) ने 8998.15 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को हस्तांतरित की थी। इसमें 8142.96 हेक्टेयर भूमि में बांध का जलाशय है, और यह सीटीआर की कालागढ़ रेंज पटेरपानी ब्लॉक में 20 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैला है। अब इस जलाशय को ईकोटूरिज्म के तहत विकसित करने का प्रस्ताव पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव को भेजा है| यदि यह कोशिशें रंग लाई तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व(सीटीआर) की जीवनदायिनी रामगंगा नदी पर बने रामगंगा बांध के जलाशय में सैलानी नौकायन का लुफ्त उठा सकेंगे। इस सिलसिले में पार्क के निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव को प्रस्ताव भेजा है, इसके अलावा उन्होंने सीटीआर में पर्यटकों का दबाव कम करने के मद्देनजर रामनगर में रिगोडा़ पर्यटन जोन  नाम से नया पर्यटन जोन बनाने के लिए भी अनुमोदन मांगा है| इसके बनने से जहां आम डंडा से छोटा पनौद के मध्य दैनिक सफारी हो सकेगी वही ईकोटूरिज्म के तहत इन दोनों प्रस्तावों के आकार लेने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे| पार्क निदेशक ने सीटीआर में पर्यटकों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर रिंगोड़ा पर्यटन जोन  विकसित करने पर जोर दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि, ईकोटूरिज्म के तहत बिजरानी पर्यटन जोन के रिंगोड़ा चौड़ वाले क्षेत्र को अलग कर आमडडंडा बीट, बिजरानी रेंज, गर्जिया बीट, सर्पदुली रेंज के क्षेत्रों को जोड़कर पर्यटन जोन विकसित किया जा सकता है| इससे आमडंडा से छोटा पनौद के मध्य दैनिक सफारी हो सकेगी| कहा जा रहा है कि इस ईको पर्यटन क्षेत्र के निर्माण में 45.50 लाख तक की लागत आएगी| निदेशक ने प्रस्ताव में कहा है कि इस नए इको टूरिज्म स्थल के विकसित होने पर एनटीसीए द्वारा निर्धारित कोर क्षेत्र की सीमा का उल्लंघन भी नहीं होगा। इस जलाशय में ईकोटूरिज्म के तहत नौकायन कराने से यह सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा साथ ही वन एवं वन्य जीवो के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी। ईकोटूरिज्म में प्रयुक्त होने वाली नौकाओं से वहां किसी भी प्रकार का पर्यावरणीय प्रदूषण ना हो इसके लिए नवीनतम तकनीक से सुसज्जित नौकाओं काे प्रयोग में लाया जाएगा| प्रस्ताव में नौकायन के लिए नियम व शर्तों के साथ ही समय आदि का जिक्र भी किया है|