राज्य सरकार एक सप्ताह में सभी संदिग्ध शिक्षकों की लिस्ट कोर्ट में पेश करें : हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नियुक्ति पाए गए करीब साढ़े तीन हजार अध्यापकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा है कि एक सप्ताह में संदिग्ध सभी शिक्षकों की लिस्ट पेश करें,वहीं सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि 87 शिक्षक संदिग्ध पाए गए है जिनमे से 21 शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि सरकार द्वारा जो लिस्ट दी गयी है वह अपर्याप्त है जबकि ऐसे कई शिक्षक और भी है।
हाईकोर्ट ने पिछली तिथि को सरकार से पूछा था कि कितने अध्यापको के खिलाफ कार्यवाही की गई और वे कौन से अधिकारी है जिन्होंने यह कृत्य किया है उनके खिलाफ सरकार ने क्या कार्यवाही की है दो सप्ताह में इसका जवाब देने को कहा था। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।
आपको बता दे कि स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य के प्राइमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए है जिनमे से कुछ अध्यापको की एसआईटी जाँच की गई जिनमे खचेड़ू सिंह ,ऋषिपाल ,जयपाल के नाम सामने आए परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दी गयी और ये अभी भी कार्यरत है। संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जाँच करने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी पाए गए है उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही।