राजनीति को लेकर युवाओं का 'हाउ इज दि जोश'

सबसे पहले तो यह देखने की बात है कि युवा राजनीति को किस संदर्भ में देखते हैं, वे यह मानते हैं कि राजनीति का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि वह किसी पॉलीटिकल पार्टी से जुड़े अगर वे चुप हैं, तो चुप रहने की राजनीति कर रहे हैं और अगर आवाज उठा रहे हैं तो वह भी राजनीति है ,राजनीति का मतलब इलेक्शन लड़ना और विधायक या सांसद बन जाना मात्र नहीं बल्कि देश के समाज में बदलाव लाने की प्रक्रिया है । नन्दलाल ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर पन्तनगर से इंजीनियर है लेकिन कॉरपोरेट और खुद का विजन्स छोड़कर सिविल सेवा में आये हैं ताकि समाज में बदलाव लाने की उनकी इच्छा पूरी हो सके । नन्दलाल कहते हैं कि राजनीति में जरूरी नहीं है कि आप रोल मॉडल बने आप अपने स्तर से किसी की मदद करके किसी के लिए अच्छा करके समाज में बदलाव लाए लेकिन आज शब्द परिवर्तित हो गए हैं, मायने बदल गए हैं, आज युवाओं को जो दिखाया जा रहा है वह जमीनी स्तर पर नहीं है लेकिन युवा इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं ।नई पीड़ी के उदासीन होने पर भी लाल चिंता व्यक्त करते हैं और कहते हैं कि जो युवा देश के बड़े और अच्छे सस्थानों से शिक्षा लेकर आते हैं ,सेटल होने के बाद इधर देखते तक नहीं है ।और जो आम युवा हैं वह वास्तविकता समझ ही नहीं पा रहे। उनके पास रोजगार का डेड़ जीबी डाटा है । उन्हें पता ही नहीं कि उनकी जिम्मेदारी क्या है । नंदलाल कहते हैं मैंने एक मुहिम चलाई है कि शिक्षित लोग सप्ताह में मात्र 45 मिनट समय दें और अपने आसपास के स्लम एरिया में बुनियादी और जरूरत के मुताबिक शिक्षा प्रदान करें ।मैं यह आंदोलन बड़े स्तर पर चलाना चाहता हूं और हर किसी का सहयोग चाहता हूं ।शहर के कूड़े के निस्तारण कर शहर को गारबेज मुक्त करने के लिये हर किसी का सहयोग चाहता हूं ।
नन्दलाल कहते हैं कि आखिर युवा भारत में राजनीति से क्या चाहते हैं ? उनके द्वारा चुनकर आने वाले नेता कैसे होने चाहिए ? निश्चित रूप से वो ऐसे नेता चाहते हैं जो चुनाव से पहले किए गए वादे पूरे करें जो पहले अपनी कथनी के प्रति जिम्मेदार हो और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही हो । युवाओं का सबसे बड़ा मुद्दा है कि राजनीति से भ्रष्टाचार दूर हो, नेता अपनी आइडियोलॉजी, कास्ट और जेंडर से ऊपर उठकर आगे आएं । सभी जटिल समस्या खत्म हों । इसके लिए सबसे पहले युवाओं को समझना होगा और इन सब के लिए जरूरत है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार आए । राजनीति से युवाओं की बहुत उम्मीद है । लेकिन युवाओं को भी यह समझने की जरूरत है की उनके सतर्क और सटीक योगदान के बिना राजनीति में बदलाव सम्भव नही है ।