राजधानी में डेंगू का डंक,आलाअधिकारी हैं कि मानते ही नहीं

प्रदेश में डेंगू का डंक गहराता जा रहा है,सरकार और स्वास्थ्य विभाग के दावे धरातल पर धराशायी हो रहे हैं,आला अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग इन हालातों से निपटने को कितने तैयार हैं,ये अंदाजा उनके बयानों से लगाया जा सकता है,आज प्रभारी स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडेय ने कहा कि डेंगू कोई जानलेवा बीमारी नहीं है,और जब तक मौत हो चुके व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि नहीं हो जाती तब तक हम उसकी मौत को डेंगू से हुई मौत नहीं मान सकते,उनके इस बयान से साफ झलकता है कि छह सौ से अधिक डेंगू के मामले सामने आने के बाद भी वह हालातों से अनभिज्ञ हैं।वहीं हाल ही में स्वास्थ्य सचिव नितेश झा द्वारा दून अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ की गई बैठक के बाद कहा गया कि हालात नियंत्रण में है और डेंगू से घबराने की जरुरत नहीं है।


राजधानी देहरादून में अब तक 610 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं,और 4 लोगों की डेंगू से मौत भी हो चुकी है,बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग स्थानीय प्रशासन व नगर निगम भले कई दावे कर रहे हैं,लेकिन इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है,और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं।दो दिन पूर्व एक निजी अस्पताल में भी एक दंत चिकित्सक की डेंगू से मौत हो चुकी है।डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए महंत इंद्रेश अस्पताल ने भी 100 अतिरिक्त बेड़ों की व्यवस्था की है,अस्पताल ने डेंगू से संबंधित मामलों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम गठित की है।