यूजीसी के 45 लाख के गबन मामले में राज्य सरकार उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषियों पर करे कार्यवाही:हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कन्या पाठशाला में यू जी सी की 45 लाख के गबन पर राज्य सरकार, यू जी सी और तत्कालीन निदेशक और प्राचार्य को नोटिस देने के बाद आज राज्य सरकार को उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश के साथ मामले को निस्तरित किया है। 


    पूर्व में कोर्ट ने विश्वविद्यलय अनुदान आयोग द्वारा 2012-2013 में हुई 45 लाख रुपए के गबन के मामले पर राज्य सरकार, यू जी सी और तत्कालीन सचिव जितेंद्र सिंह नेगी और प्राचार्य डॉ किरन सूद को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश नवम्बर में दिया था, इसपर नेगी का जवाब कोर्ट में जून 2020 में ही दाखिल हुआ। 


     आपको बता दे एम.के.पी की पूर्व छात्र सोनिया बेनीवाल के द्वारा जनहित याचिका दाखिल कर महादेवी कन्या पाठशाला को यूजीसी द्वारा छात्राओं की शिक्षा में सहूलित के लिए जारी 45 लाख रूपये की धनराशि की बंदर बांट कर गबन की गई है। और टेंडर निकाले बिना ही केवल कोटेश्न के आधार पर महंगे उपकरण खरीदे गए। इस विषय में 2016.17 में एफआईआर भी दर्ज हुई राज्य सरकार द्वारा कराए गई आडिट में इसमें घोटाला उजागर होने के बाद डाॅ किरन सूद और सचिव जितेंद्र नेगी से वसूली की बात कही गई थी लेकिन अभी तक इसमें कोइ्र्र कार्यवाही नही की गई। 2019 जनवरी में शासन के स्थलीय निरीक्षण के दौरान 7लाख 68 हजार की सामग्री महादेवी कन्या पाठशाला में नही पाई गई जिसकी वहजह से यूजीसी ने एमकेपी को अगले पंचवर्षीय योजना में गा्रंट नही दी जिससे छात्राओं की शिक्षा बद से बदतर होती जा रही है।