मुख्य सचिव उत्तराखण्ड व जिलाधिकारी बागेश्वर को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से अवमानना नोटिस जारी।

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की एकलपीठ ने जिला बागेश्वर के गरुड़ में कूड़ा निस्तारण मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार, जिलाधिकारी बागेश्वर,जिला पंचायत बागेश्वर को अवमानना नोटिस जारी किए हैं।गरुड़ निवासी अधिवक्ता डी. के. जोशी द्वारा गरुड़ बाजार क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण संबंधी जनहित याचिका दायर की थी।पूर्व में न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय जिसका अनुपालन अभी भी संबंधित अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया है के चलते आज कूड़ा निस्तारण मामले में अधिवक्ता डीके जोशी के द्वारा एक अवमानना याचिका दायर की गई है,जिसमें कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के दिनांक 10 जुलाई 2018 के निर्णय में जहां राज्य सरकार को गरुड़ क्षेत्र के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड हेतु जमीन की परमिशन देने का आदेश दिया था और राज्य सरकार को डीपीआर विषय रूप से बागेश्वर गरुड़ क्षेत्र के लिए तैयार करने का आदेश दिया था साथ ही राज्य सरकार को यह भी आदेश दिया गया था कि वह 25 से 30 गांव का एक ग्रुप समूह बनाकर उनके लिए कूड़ा निस्तारण संबंधी प्लांट लगाएंगे।लेकिन 1 साल बीत जाने के बावजूद भी इस मामले में राज्य सरकार के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है जो अपने आप में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश की अवमानना है।