मुख्यमंत्री व जजों से संबंधों की धौंस जमाकर रसूखदार ने कब्जा ली सरकारी जमीन

भारत में आम आदमी को यदि कोई जमीन, घर खरीदने या अपनी ही जमीन पर कोई निर्माण कार्य करना हो तो उसके लिए उसे पूरे नियम-कानून व सभी कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती है और यदि कोई कमी रह गई तो उसके लिए जिंदगीभर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने होते हैं। और यही काम यदि किसी रसूखदार या सत्ता तक पहुंच रखने वाली आदमी का हो तो सभी नियम-कानूनों को ताक पर रख दिया जाता है, और कागजी कार्रवाई के लिए फाइलें मानो दौड़ पड़ती हैं। ऐसा ही मामला उत्तराखण्ड़ के रामनगर में सामने आया है,जहां जिला विकास प्राधिकरण ने रसूखदारों को नियम कानून तोड़ने की छूट दे रखी है।ढिकुली में दिल्ली से आए एक रसूखदार ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर उस पर रिसॉर्ट का निर्माण शुरू कर दिया है, लेकिन आम आदमी पर अपनी तानाशाही दिखाने वाला विकास प्राधिकरण उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। हल्द्वानी और दिल्ली के रहने वाले पवन प्रीत सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर नदी में बही जमीनों की यहां रजिस्ट्री करा ली है।चौबीस लाख में कोसी में बही जमीन पत्नी पुष्पेन्द्र कौर के नाम रजिस्ट्री कराई गई है। सौदे में विक्रेता को एक लाख का चेक और शेष धनराशि नकदी में 31 मई 2015 से पूर्व देने की बात कहीं गई है,बिना नक्शा पास कराए रिसॉर्ट निर्माण भी शुरू कर दिया है। शिकायत मिलने पर प्राधिकरण ने सिर्फ एक नोटिस भेजकर अपनी खानापूर्ति कर ली है।बताया जा रहा है कि सरकारी गूल और सरकारी खेत संख्या 339 व अन्य सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रिसॉर्ट निर्माण का कार्य जारी है।रिसॉर्ट निर्माण में इस्तेमाल खनिज सामाग्री भी बगल की कोसी नदी से चोरी करके ली जा रही है।


मामले में क्षेत्रीय पटवारी की भी मिलीभगत बताई जा रही है,वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी कुंभकर्ण वाली निंद्रा में हैं। उक्त व्यक्ति खुद के संबंध जजों और प्रदेश के मुख्यमंत्री से बताकर धौंस दिखाता है,इसलिए संबंधित विभाग के अधिकारी भी इसके मामले में कार्यवाही करने से बच रहे हैं।
यही काम यदि आम आदमी अपने लिए छोटा सा घर बनाने के लिए करता है तो भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराना जरूरी है,नक्शा पास हुए बिना बैंक होम लोन भी नहीं दे रहा है।नक्शा पास कराने की अनिवार्यता के चलते आम आदमी जिला विकास प्राधिकरण के हल्द्वानी दफ्तर के चक्कर काट रहा है, लेकिन उनकी फाईल पास नहीं की जा रही है।फाईल पास कराने के लिए तो पहले मोटी घूस देनी पड़ रही है फिर नैनीताल जिला सहकारी बैंक में निर्धारित फीस सचिव, जिला विकास प्राधिकरण के खाते में जमा करनी होगी।