मुख्यमंत्री,मंत्री,व अधिकारियों ने बच्चे लिए गोद

उत्तराखण्ड में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर बड़ी पहल की गई है।मंगलवार को पोषण अभियान 2019 के अंतर्गत ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत हुई।इसमें प्रदेश में चिन्हित1600अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री,मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को कुपोषण से मुक्ति की शपथ भी  दिलाई।  
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में इस अभियान के शुभारम्भ पर 20 बच्चों को गोद लिया गया।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योगिता पुत्री रेखा,विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री गुड़िया,महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री सीमा,विधायक गणेश जोशी ने भूमिका,मेयर सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री प्रियंका,अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह,को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेदारी ली है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें समाज की शक्ति को पहचानना चाहिए,किसी भी समस्या का हल समाज की भागीदारी से हो सकता है।हमारे पूर्वजों ने समाज की ताकत को पहचाना था,हमें भी यह देखना होगा कि कैसे समाज की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।साथ ही उन्होंने कहा कि सामाजिक सहयोग से कोई भी समस्या दूर की जा सकती है,अगर सही तरीके से नियोजन किया जाए,समाज को इसमें जोड़ा जाए। 
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर घोषणा करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट कराएगी।वर्ष 2022 तक प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्का भवन युक्त किया जाएगा।प्रत्येक राशनकार्ड पर 2 किग्रा दाल उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया जा रहा है,उनका नियमित रूप से पूरा ध्यान रखना जरूरी है।उनके माता पिता के सम्पर्क में रहना होगा।बच्चे क्या खा रहे हैं,कैसे खा रहे हैं, हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना होगा,पहला सहयोग बच्चे की मां का चाहिए।अगर मां को पोषण मिले,मां का स्वास्थ्य ठीक हो तो बच्चे का पोषण और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। 

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि यदि कुपोषण से लड़ना है तो इसकी शुरूआत गर्भवती महिला से होना जरूरी है।उनको पर्याप्त पोषण मिले, इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में उनका पंजीकरण होना जरूरी है।उन्होंने कहा कि राज्य में ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार,नैनीताल व देहरादून में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे हैं।कुपोषण से मुक्ति के लिए पौष्टिकता को प्राथमिकता बनाने के साथ ही मोटे अनाज को अपने आहार में सम्मिलित करना जरूरी है।6 माह से 6 साल तक के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से टेक होम राशन के रूप में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये जाते हैं।विभागीय सचिव सौजन्या ने पोषण अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए जानकारी दी कि मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गई,साथ ही अभियान के तहत वर्ष 2022 तक छह साल तक की आयु के बच्चों में कुपोषण का स्तर 38.4 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा गोद ली गई बच्ची योगिता की मां रेखा मुख्यमंत्री द्वारा बच्ची को गोद लिए जाने के बाद बेहद खुश नजर आई,उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ढ़ाई साल की है अक्सर य़ह बीमार रहती है,और बार-बार इसे बुखार आ जाता है। उन्होंने उम्मीद जताई की मुख्यमंत्री के इस कदम से उनकी बच्ची अब जल्द ठीक हो जाएगी।