मुख्यमंत्री ने कहा डेंगू के मामले हो रहे हैं कम।

उत्तराखंड में डेंगू का कहर दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा।राजधानी देहरादून में डेंगू तेज रफ्तार से पैर पसार रहा है।प्रदेश में डेंगू पीड़ित मरीजों की तादाद अब 1000 के पार पहुंच गई है।जो कि बेहद ही चिंता का विषय बना हुआ है।लगातार बढ़ते डेंगू के कहर से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वही डेंगू से हो चुकी 5 मौतों ने सरकारी तंत्र के तमाम इंतजामों की पोल भी खोल दी है।स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भले ही लाख दावे कर रहे हों बावजूद इसके डेंगू के बढ़ते प्रकोप ने प्रदेश की जनता में खौफ जरूर पैदा कर दिया है।डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर से दो-दो हाथ करने के लिए चिकित्सक,पैरा मेडिकल स्टाफ,तकनीशियन,आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ता के साथ ही मेजिकल कॉलेज के छात्र भी मैदान में उतरे हुए हैं।नगर-निगम भी क्षेत्रों में लगातार फॉगिग की जा रही है।बावजूद इन सबके डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है।अब हालात ऐसे हो गए हैं कि मौसम में ठंड़क आने के बाद ही डेंगू के डंक से निजात मिलने की उम्मीद की जा रही है।

हालांकि डेंगू की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डेंगू रोकथाम के तमाम इंतजाम किए जाने का दावा किया है,प्रदेश के मुखिया डेंगू जैसी भयावह बीमारी को लेकर भले ही गंभीर नजर आ रहे हों,लेकिन दिनों दिन डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुसार प्रदेश में अब पहले के मुकाबले डेंगू के मरीजों में कमी आयी है,उनका कहना है कि एक समय ऐसा था जब प्रदेश से प्रतिदिन 30 डेंगू के मरीज सामने आ रहे थे,लेकिन अब यह संख्या घटकर,10-15 मरीज प्रतिदिन हो गई है।साथ ही उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों के लिए जो तमाम व्यवस्थाएं होनी चाहिए,वो सरकारी अस्पतालों में मौजूद हैं,साथ ही मरीजों को जो भी जरूरत है उसमें ब्लड, दवाइयां फिर डॉक्टर्स सब सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं।मुख्यमंत्री सरकारी अस्पतालों में तमाम सुविधाएं होने का दम तो भर रहे हैं,लेकिन अस्पतालों में हालात बेहद गंभीर हैं।अब अस्पताल स्टाफ भी डेंगू की जद में आ गये हैं।दून अस्पताल के नए ओपीड़ी के कई कर्मचारी डेंगू से पीड़ित हैं।