मुख्यमंत्री अपनी योजनाओं को बेहतर बताने में व्यस्त,भ्रष्टाचारी,भ्रष्टाचार करने में मस्त

सरकारी व निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का मुफ्त इलाज देने वाली अटल आयुष्मान योजना में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं,योजना के लागू हुए अभी 1साल भी नहीं हुआ कि भ्रष्टाचार के मामलों में अभी तक 1दर्जन से अधिक अस्पतालों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है,प्रदेश के लगभग सभी जिलों से योजना में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं,गड़बड़ी की शिकायतों पर योजना निदेशक द्वारा समय-समय पर कार्रवाई करते हुए ऊधमसिंहनगर जिले में अली नर्सिंग होम काशीपुर,आस्था अस्पताल काशीपुर,जसपुर मेट्रो अस्पताल व सहोता सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल काशीपुर की योजना में सूचीबद्धता समाप्त करने के साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।वहीं हरिद्वार में प्रिया अस्पताल व रामनगर के बृजेश अस्पताल की भी सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है।ताजा मामला हरिद्वार जिले के भगवानपुर में स्थित आरोग्यम मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है,धोखाधड़ी के आरोप में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त कर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।योजना में हो रहे फर्जीवाड़े का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट भी जा चुका है,हाईकोर्ट योजना में हो रही धांधलियों को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी भी व्यक्त कर चुका है।लेकिन सरकार तो अपनी योजना को बेहतर बताने में व्यस्त है,प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अटल आयुष्मान योजना पूरे उत्तराखंड को दे दी गई है,और इस योजना का लाभ लेना भी आसान है,अपना कार्ड दिखाने के साथ ही आपका इलाज शुरू हो जाता है, और उसके बाद आपको किसी झंझट में नहीं पड़ना है, साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक 70 हजार से अधिक मरीज इस योजना का लाभ ले चुके हैं।तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि अटल आयुष्मान योजना बना जरूर दी है,लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।इससे बेहतर हमारी सरकार के समय चलाई गई मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना थी।योजना में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनोंअपनी-अपनी सरकार में लागू योजनाओं को बेहतर साबित करने में लगी हैं,बेहतर होता यदि सभी दल मिलकर योजना में आ रही शिकायतों को दूर करने की कोशिश करते,तो कम से कम प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं तो मिल पाती।