मदर्स डे स्पेशल- तुझे सब है पता है न मां, मेरी मां

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,बस एक माँ है जो मुझ से ख़फ़ा नहीं होती।माँ बचपन में बेटी की अंगुली पकड़ती है तो माँ की जरूरत पर बेटी उनका हाँथ थाम लेती हैं।कभी माँ बेटी की जरूरत को बिना कहे समझ लेती हैं और उसे पूरा करना अपना मकसद बना लेती हैं।जी हाँ कुछ ऐसे ही विचार है उत्तराखंड की एक महिला अधिकारी निधि यादव के। हरिद्वार की मूल निवासी 2002 बैच की पीसीएस अधिकारी निधि यादव वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम में जीएम (प्रशासन)के पद पर तैनात है।एक अधिकारी होने के साथ साथ वो परिवार के कर्तव्यों का अच्छी तरीके से पालन करती है।निधि यादव ने करीब 700 बच्चों को स्कूली शिक्षा दिलाकर उन्हें काबिल बनाया है। इसके साथ ही वो सोशल वर्क भी करती रहती हैं।जिसके लिए उन्हे कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। निधि यादव का कहना है कि माँ को सब कुछ पता होता है अपनी संतान के दुख सुख के बारे में ।उनके पास जब भी समय मिलता है वो अपना समय अपनी माँ के साथ बिताना पसंद करती है। इसके साथ ही उन्होनें कहा कि विश्व की सबसे सुंदर रचना है मां। मां जैसा कोई भी नहीं है।जब भी मुझे छुट्टी मिलती है तो मैं अपना सारा समय अपनी मां के साथ बिताती हूं। मेरी मां ने ही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। निधि यादव से बातचीत में उन्होनें बताया कि मैं अक्सर ये पंक्तियां गुनगुनाती रहती हूं....  

"जब भी मैं भटकने लगती हूं पथ से,

सूखे आंसुओं का दावानल निकल पड़ता है आंखों से।

बांटना चाहती हूं पर फिर जुबां कह नहीं पाती किसी से,

तब मां, हां मां तुम बहुत याद आती हो।।