भारत और चीन लद्दाख विवाद पर आमने सामने

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत
और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं. तनाव चरम पर है लेकिन यह और आगे न बढ़े
इसके लिए राजनीतिक, कूटनीतिक और बातचीत का रास्ता
भी देखा जा रहा है. इसी कड़ी में आज दोनों सेनाओं के चूसूल-मोल्डो नाम की जगह पर
बातचीत होने जा रही है. भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बातचीत की कमान
संभालेंगे. वहीं चीन की ओर से तिब्बत मिलिट्री के कमांडर आएंगे. हालांकि इससे पहले
क्षेत्रीय सैन्य स्तर पर कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन इस नए विवाद का कोई
रास्ता नहीं निकल पाया है.
1.न्यूज एजेंसी
पीटीआई के मुताबिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल में चीन पर पूर्वी लद्दाख की सीमा पर पहले
जैसी स्थिति के लिए दबाव डालेगा ।
2.इसके साथ ही उस
जगह पर चीनी सैनिकों की भारी तैनातगी और भारत की ओर से अपनी सीमा के अंदर निर्माण
कार्य का विरोध किए जाने की बात भी एजेंडे में शामिल है ।
3.भारत के अनुसार चीन की सेना
भारतीय सैनिकों को लद्दाख और सिक्किम में सामान्य पेट्रोलिंग के लिए भी रोकती है ।
4. भारत ने चीन
के उस आरोप का भी खंडन किया है जिसमें यह कहा गया है कि भारतीय सेना ने चीन की सीमा के अंदर घुसकर तनाव को बढ़ाने का काम
किया है ।
6.कुछ दिन पूर्व लद्दाख के बीच
पैंगाग लेक इलाके में दोनों के सेना के जवानों के बीच 5 और 6 मई को हाथापाई
हुई है ।
7.इस दौरान
कई खबरें आई कि चीनी सेना भारतीय इलाके में घुस आई है जिसमें
पैंगोग लेक, गलवान, और गोगरा पोस्ट शामिल हैं ।
8.इसके अलावा
चीनी सेना की हरकतें उत्तर में दुलत बेग ओल्डी एरिया में भी बढ़ गईं है दरअसल
इस बार चीन की बौखलाहट भारत सेना की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्य से है ।
9.भारत पैंगोग
लेक के पास फिंगर एरिया में और गलवान घाटी में एक सड़क बना रहा है जो कि सेना के
लिए कनेक्टिंग रोड है जिससे सैन्य साजो सामान का पहुंचाना आसान हो जाएगा ।
10.चीन की नजर
पहले से ही इस इलाके पर रही है और उसे लगता है भारत के इस निर्माण कार्य स्थिति से
उसकी स्थिति और मजबूत हो जाएगी । पैंगाग के फिंगर
एरिया में बन रही सड़क भारतीय सेना के लिहाज से काफी अहम है क्योंकि इससे इलाके
में भारत के लिए निगरानी करना
आसान हो जाएगा ।