ब्राह्मण समाज की अनदेखी कर रही सरकार भरण पोषण भी नही मिल पा रहा

कोरोना काल में जहाँ देश आज आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है वही समाज में कई तबके ऐसे है जिन्हें सरकार द्वारा कोई भी मदद नही पहुंच पा रही है कुछ दिन पूर्व आवाज़ उत्तराखंड ने लॉक डाउन के दौरान बेरोजगार हुए कलाकारों की आवाज़ उठाई थी लेकिन अभी तक सरकार ने कलाकारों के लिए कोई भी कदम नही उठाया है इसी तरह एक तबका और है जो कर्म कांड शादी विवाह दान दक्षिणा आदि से अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करता है । आज इन ब्राह्मणों पर विपदा आन पड़ी है जहां एक तरह शादी विवाह थम से गये है वही लोग ब्राह्मणों को अपने घरों पर बुलाने से भी डर रहे है जिससे इन्हें कोई आर्थिक मदद नही मिल पा रही है ।


 इसी के चलते ब्राह्मण उत्थान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विशाल शर्मा ने प्रदेश सरकार से ब्राह्मण समाज को आर्थिक सहायता उपलब्ध् कराने की मांग की है। मीडिया को जारी एक बयान में उन्होने कहा कि लाॅकडाउन में अन्य प्रदेशों की तरह उत्तराखण्ड में भी ब्राह्मण समाज के लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है महामारी की वजह से रीति-रिवाजों पर असर पड़ा है और शादी-विवाह आदि कराकर अपने परिवारों का पेट पालने वाले ब्राह्मण समाज की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है । इतना ही नहीं अब ब्राह्मण को अपनी सुरक्षा की भी चिंता सताने लगी है। सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में होटल कारोबारियों समेत तमाम क्षेत्रों में तो आर्थिक पैकेज की घोषणा की लेकिन ब्राह्मण समाज की अभी तक सुद्ध ही नही ली गयी 


जो पंडित पुरोहित समाज को सही दिशा मार्गदर्शन देते हैं सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। विशाल शर्मा ने कहा कि माननीय हाइकोर्ट ने भी सरकार को पंडितों, पुरोहितों को चार सप्ताह में आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिया है, जिसपर अमल करते हुए सरकार को प्रत्येक परिवार के मुखिया पंडित, पुजारी, शास्त्री, आचार्य को 10 से 15 हजार रुपये प्रति माह भरण-पोषण भत्ते के रूप में देना चाहिए।

अब देखना ये खास होगा कि क्या सरकार ब्राह्मण, कलाकार आदि जो सरकारी मदद से वंचित रह गए है क्या वास्तव में इनकी मदद को आगे आती है ?