बिन बैंड-बाजे हो रही शादी, बैंड-बाजे वालों की रोजी-रोटी पर संकट।

भारत में शादियों में बैंड बाजे की धुन पर दूल्हे के दोस्तों का फूहड़ डांस ना हो ऐसा कम ही देखने को मिलता है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते घोषित लॉकडाउन के कारण शादी ब्याह समारोह भी प्रभावित हुए हैं। और कम लोगों को शादी-ब्याह में शामिल होने की इजाजत मिल रही है। जिसके चलते शादी ब्याहों में न तो दूल्हे के दोस्त शामिल हो पा रहे हैं, न बैंड-बाजा।

कोरोना महामारी ने ऐसा संकट उत्पन्न में किया कि बैंड की धुन पर सबको नचा देने वाले बैंड वादक आज रोजी-रोटी को मोहताज हैं। अब इन बैंड-बाजा वालों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। लॉकडाउन-4 की नियमावली के अनुसार शादी समारोहों में 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत मिली है, जिसके बाद बैंड-बाजा वालों को भी काम मिलने की उम्मीद जगी है। इसी उम्मीद के साथ रामनगर में बैंड-बाजा यूनियन ने उपजिलाधिकारी से मिलकर उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम करने की इजाजत दिए जाने की अपील की है।

बैंड-बाजा यूनियन का कहना है कि यह हमारा पुश्तैनी कार्य है इस कार्य के अलावा हम कोई अन्य कार्य नहीं जानते हैं। लॉकडाउन के चलते हमारी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। उन्होंने उपजिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि उन्हें लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए काम करने की इजाजत दी जाए। जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।