बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिखाई नराज़गी।

उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए घोटाले की जांच कर रहे जांच अधिकारी टीसी मंजूनाथ और संजय गुंज्याल को अब तक हुई जांच की रिपोर्ट 21 अगस्त तक कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा है कि अब तक उनके द्वारा घोटाले के मामले पर क्या कार्रवाई की गई है, वहीं जांच में हो रही देरी के मामले पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नाराजगी भी व्यक्त की और टिप्पणी में कहा कि ऐसे गंभीर मामले पर लापरवाही ठीक नहीं अब मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
आपको बतादें कि राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है,जबकी 2017 में इसकी जांच के लिए पुर्व मुख्यमन्त्री द्वारा एसआईटी गठित की गयी थी, और 3 माह के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा था, परन्तु इस पर आगे की कोई कार्रवाई नही हो सकी, साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए।
आपको बतादें कि राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है,जबकी 2017 में इसकी जांच के लिए पुर्व मुख्यमन्त्री द्वारा एसआईटी गठित की गयी थी, और 3 माह के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा था, परन्तु इस पर आगे की कोई कार्रवाई नही हो सकी, साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए।