बढ़ती प्याज की कीमतें, सोता विपक्ष

देश में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं,जिसके लिए केन्द्र सरकार ने विदेश से भी प्याज मगांने का फैसला लिया है। सरकार प्याज की बढ़ती कीमतों के पीछे प्याज जमाखोरों का हाथ बता रही है।जिसको लेकर महाराष्ट्र में बड़े व्यापारियों पर छापेमारी भी की गई है। भारत में प्याज जहां प्रत्येक सब्जी के साथ प्रयोग किया जाता है, तो वहीं इसकी कीमतें बढ़ते ही यह आम आदमी के साथ ही हर राजनीतिक दल के जुबां पर आ जाता है। देश में पूर्व में भी प्याज की बढ़ी कीमतों ने कई बार सरकारें हिला दी, तो विपक्षी पार्टियों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया। इस वक्त भी देश के कई हिस्सों में प्याज की खुदरा कीमतें सौ रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। उत्तराखण्ड की में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब सख्त कदम उठाने शुरु कर दिए हैं, प्याज की जमाखोरी के खिलाफ प्रदेश स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसकी कीमतें नियंत्रित करने के लिए मंड़ी, थोक विक्रेताओं का सहयोग लेने और राशन की दुकानों के जरिए प्याज बिक्री की योजना बनाने को कहा है।
उत्तराखण्ड़ में भी इस समय प्याज ही नहीं अन्य सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है, लेकिन प्रदेश में विपक्ष महंगाई जैसे अहम मुद्दे को भुनाने में नाकाम रहा है, प्रदेश में इस समय पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव तथा रुड़की में नगर-निगम चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं, लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस चुनावी दौर में भी अहम मुद्दों से भटकती नजर आ रही है। विपक्ष ने आयुष छात्रों के आंदोलन को समर्थन, ई रिक्शा चालकों के आन्दोलन को समर्थन देकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तो किया,लेकिन प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष द्वारा ऐसा कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला, जिससे की सरकार इस मसले पर सोचने को मजबूर हो।
उत्तराखण्ड़ में भी इस समय प्याज ही नहीं अन्य सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है, लेकिन प्रदेश में विपक्ष महंगाई जैसे अहम मुद्दे को भुनाने में नाकाम रहा है, प्रदेश में इस समय पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव तथा रुड़की में नगर-निगम चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं, लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस चुनावी दौर में भी अहम मुद्दों से भटकती नजर आ रही है। विपक्ष ने आयुष छात्रों के आंदोलन को समर्थन, ई रिक्शा चालकों के आन्दोलन को समर्थन देकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तो किया,लेकिन प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष द्वारा ऐसा कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला, जिससे की सरकार इस मसले पर सोचने को मजबूर हो।