बच्चों के भविष्य से खिलवाड़


हरिद्वार में तमाम ऐसे प्राथमिक विद्यालय है जिनकी हालत जर्जर अवस्था में है,मगर शासन और प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है।कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग आजादी से पहले की बनी हुई है,और यह हरिद्वार का सबसे पुराना प्राथमिक विद्यालय है इस विद्यालय में क्षेत्र के काफी लोग पढ़ा करते थे।अब भी इस विद्यालय में काफी बच्चे पढ़ाई करते हैं यह विद्यालय काफी जर्जर अवस्था में है और इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को कई बार की गई है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया बच्चे विद्यालय के बाहर ही बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं चाहे धूप हो या बरसात हो आज जिस तरह से विद्यालय में भवन की छत गिरी है गनीमत रही है कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ हम चाहते इस तरफ शिक्षा विभाग ध्यान दें।इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सिंह से मीडिया ने इस बारे में पूछा तो वह बगलें झांकते नजर आए उनका कहना है कि इस विद्यालय के कमरे पहले ही गिर गए थे,और जो यह इमारत गिरी है वह स्टोर रूम के रूप में यूज की जाती थी मगर जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो उनका कहना है कि शिक्षा विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता क्योंकि यह विद्यालय किराए की बिल्डिंग पर चल रहे हैं और जिनकी बिल्डिंग है उनका भी एतराज रहता है इसलिए मरम्मत का कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है जब उनसे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधा-सीधा बोल दिया कि विद्यालय के बाहर ही बच्चे बैठकर पढ़ते हैं इसमें उनको कोई भी जान माल का नुकसान नहीं होगा मगर अधिकारी साहब यह भूल गए कि इन बच्चों की सुरक्षा और अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी उन्हीं की है।