प्रदेश में ग्राम पंचायतों को कोरोना फंड की मंजूरी मिली

क्वारंटाइन केंद्रों और उनमें प्रवासियों के लिए जरूरी व्यवस्थाओं से जूझ रही प्रदेश की 7791 ग्राम पंचायतों को राहत मिलने जा रही है। इन ग्राम पंचायतों को पहली बार कोरोना के लिए फंड को मंजूरी दी गई है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से मिलने वाली अनुदान राशि का 20 फीसद या इससे ज्यादा धन पंचायतें कोरोना से बचाव पर खर्च कर सकेंगी। अनुदान की पहली किस्त के रूप में ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों पर करीब 50 करोड़ की धनवर्षा होने जा रही है।प्रदेश सरकार अन्य प्रदेशों से वापसी कर रहे प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन केंद्र बनाने का हुक्म ग्राम पंचायतों को सुना चुकी है। हालांकि, इसके एवज में उन्हें पहले कोई वित्तीय मदद नहीं दी जा सकी थी। बाद में इस मामले में आवाजें उठने पर सरकार ने जिलाधिकारियों को क्वारंटाइन केंद्रों में फौरी व्यवस्थाएं जुटाने के लिए ग्राम प्रधान को 10 हजार रुपये की वित्तीय मदद देने के आदेश जिलाधिकारियों को दिए।
हकीकत ये है कि सरकार के इस आदेश के बावजूद ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारियों से उक्त धनराशि नहीं मिल पा रही है। हालांकि क्वारंटाइन केंद्रों का खर्च मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। इसका आदेश सरकार जारी कर चुकी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्राम पंचायतों और प्रधानों के कोरोना से जंग में योगदान को सराह चुके हैं। अब प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों की कोरोना से लड़ाई में आर्थिक दिक्कत दूर कर दी है। ये पंचायतों अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक मिलने वाली अनुदान राशि का 20 फीसद या इससे अधिक कोरोना से बचाव को जरूरी बंदोबस्त पर खर्च कर सकेंगे।
इस संबंध में प्रस्ताव को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुमोदन मिल चुका है। अनुदान राशि को सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय पर खर्च किया जाएगा। इसके बाद शेष धनराशि में से 20 फीसद को कोरोना से जनजागरूकता, बचाव के उपाय और क्वारंटाइन केंद्रों पर भी खर्च किया जा सकेगा।15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक ग्राम पंचायतों को 28.50 करोड़ व 95 क्षेत्र पंचायतों को 21.25 करोड़ की धनराशि जल्द जारी की जा रही है। जिला पंचायतों को बीती 21 अप्रैल को धन दिया जा चुका है। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि पंचायतों को उक्त फंड मिलने से कोरोना से बचाव के उपाय करने में उन्हें मदद मिलेगी।
ग्राम पंचायतों को 75 फीसद अनुदान के आदेश-
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के अनुदान में ग्राम पंचायतों की हिस्सेदारी 75 फीसद होगी। वहीं क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की हिस्सेदारी क्रमश: 10 फीसद व 15 फीसद होगी। वहीं अब शहरी निकायों के अनुदान में से 3.54 फीसद छावनी बोर्ड को मिलेगा। वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में आदेश जारी किए।