प्रदेशभर के आइटीआइ में होंगे आवश्यक सुधार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कई बार आईटीआई की शिक्षा पद्धति में सुधार की बात करते रहे हैं,वे क्वांटिटेटिव के बजाय क्लाटिटेटिव एजुकेशन पर भी जोर देते रहे हैं| इसी दिशा में अब प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड करने की कवायद शुरू हो गई है। इसमें संस्थानों में चल रहे ट्रेड व उनमें आवश्यक सुधार की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। साथ ही कम सुविधाओं व कम छात्र संख्या वाले आईटीआई भी चिन्हित किए जाएंगे। प्रयास है कि आईटीआई को प्रभावी बनाया जा सके, इसके लिए प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से सभी जिलों के आईटीआई की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है, जल्द ही सभी जिलों में आईटीआई का स्थलीय निरीक्षण शुरू हो जाएगा। निदेशालय प्रशिक्षण की ओर से इस संबंध में निदेशक सेवायोजन को पत्र भेजा गया है, इसमें जिलों में आईटीआई की स्थिति की जांच के लिए सेवायोजन विभाग के अधिकारियों से भी सहयोग मांगा गया है। इस संबंध में निदेशक सेवायोजन ने गढ़वाल और कुमाऊं के क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों को पत्र भेजा है और जिलों में आईटीआई की स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने को जांच अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी (गढ़वाल) जिलों में जांच अधिकारी नियुक्त करेंगे इसके तुरंत बाद अधिकारी आवंटित आईटीआई का स्थलीय निरीक्षण शुरू करेंगे और सीधे रिपोर्ट निदेशक प्रशिक्षण को भेजेंगे|यह है आईटीआई की स्थिति-
अल्मोड़ा -18
बागेश्वर -05
नैनीताल -12
ऊधमसिंहनगर-10
चंपावत -08
पिथौरागढ़ -15
देहरादून- 09
पौड़ी-18
हरिद्वार-09
रुद्रप्रयाग-05
चमोली-14
टिहरी-19
उत्तरकाशी-09