पशुओं के भरण पोषण एवं देखभाल में नहीं होनी चाहिए लापरवाही

प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास एवं पशुपालन मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा में पशुकल्याण बोर्ड की बैठक की।राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन अवधि में पशुओं के कल्याण के प्रति सजग रहें तथा इस प्रकार का प्रयास किया जाय जिससे कोई पशु भूखा न रहे।इस सम्बन्ध में इस वर्ष निराश्रित गोवंश,  पशुओं के भरण-पोषण एवं देख-भाल के लिए कुल 2 करोड़ 50 लाख रूपये का बजट आवंटित है। 


बजट में 2 करोड़ 30 लाख रूपये चारामद में तथा 20 लाख रूपये पशु शेल्टर निर्माण मद में रखा गया है। बैठक में समस्त जिलाधिकारियों को आपदा प्रबन्धन मद में एवं अन्य मद में पशु कल्याण का प्रबन्ध करें। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि जिस जनपद में पशुपालन विभाग के पास बजट कम है अथवा शून्य है वहां भी आवश्यकतानुसार बजट आवंटित किया जाय। इस सम्बन्ध में एनजीओ, पशु प्रेमियों से भी जानकारी प्राप्त कर ली जाए।


पिछले वर्ष में पंजीकृत पशुधन की संख्या 5 हजार 8 सौ थी, जबकि वर्तमान वर्ष में पशुओं की संख्या लगभग 8 हजार है। पशुओं के भरण-पोषण एवं देख-भाल के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष कुल 2 करोड़ 50 लाख रूपये का बजट के व्यय होने पर आगामी अनुपूरक बजट सितम्बर माह में पुनः बजट की मांग की जायेगी।