पत्नी घर पर नहीं है,तुम आ जाओ...

देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात भारत का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर इन दिनों अपनी कोई नई रिसर्च को लेकर नहीं बल्कि छात्रावास में रहने वाले छात्र- छात्राओं को प्रताड़ित किए जाने के मामले सुर्खियों में है।गत दिवस रैंगिग के नाम पर छात्रों के कपड़े उतरवाने का एक माह पूर्व का मामला सामने आया था।अब विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आया है।मामले के अनुसार एक वार्डन ने गुरु शिष्य परंपरा को कलंकित करते हुए एक छात्रा को रात में फोन कर "पत्नी घर पर नहीं है, तुम आ जाओ..... खाना कौन बनाएगा" कहता है। पीड़ित छात्रा ने इसकी शिकायत कुलपति से की, लेकिन कुलपति व विवि प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रैंगी।
वार्डन द्वारा रात में फोन पर प्रताड़ित किए जाने से परेशान होकर एक माह पूर्व छात्राएं कुलपति से मिली और वार्डन की शिकायत की, लेकिन छात्राओं द्वारा शिकायत करने के बाद भी विवि प्रशासन ने वार्डन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 21 अक्टूबर को रैगिंग मामले पर बुलाई गई विश्वविद्यालय अनुशासन समिति की बैठक में छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा और बैठक में पीड़ित छात्रा ने वार्डन के भेजे गए मैसेज दिखाते हुए अधिकारियों के समक्ष शिकायत की, पीड़ित छात्रा ने बताया कि एक रात वार्डन ने करीब सवा बारह बजे मोबाइल पर मैसेज भेजकर उसे पहले जन्मदिन की बधाई दी, फिर फोन कर कहा कि मेरी पत्नी घर पर नहीं है, खाना कौंन बनाएगा तुम आ जाओ। वार्डन की विवि प्रशासन व उच्चाधिकारियों तक पहुंच होने के कारण विवि प्रशासन इतना सब होने के बावजूद भी वार्डन पर कार्रवाई करने से बच रहा है।विवि में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को डिग्रियां विवि के प्रोफेसरों की अनुशंसा पर ही मिलती है,जिससे छात्र-छात्राएं भी इनके खिलाफ खुलकर शिकायत करने बाहर नहीं आ पाते हैं, और विवि प्रशासन व स्टाफ की प्रताड़नाओं को झेलते हैं।
वार्डन द्वारा रात में फोन पर प्रताड़ित किए जाने से परेशान होकर एक माह पूर्व छात्राएं कुलपति से मिली और वार्डन की शिकायत की, लेकिन छात्राओं द्वारा शिकायत करने के बाद भी विवि प्रशासन ने वार्डन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 21 अक्टूबर को रैगिंग मामले पर बुलाई गई विश्वविद्यालय अनुशासन समिति की बैठक में छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा और बैठक में पीड़ित छात्रा ने वार्डन के भेजे गए मैसेज दिखाते हुए अधिकारियों के समक्ष शिकायत की, पीड़ित छात्रा ने बताया कि एक रात वार्डन ने करीब सवा बारह बजे मोबाइल पर मैसेज भेजकर उसे पहले जन्मदिन की बधाई दी, फिर फोन कर कहा कि मेरी पत्नी घर पर नहीं है, खाना कौंन बनाएगा तुम आ जाओ। वार्डन की विवि प्रशासन व उच्चाधिकारियों तक पहुंच होने के कारण विवि प्रशासन इतना सब होने के बावजूद भी वार्डन पर कार्रवाई करने से बच रहा है।विवि में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को डिग्रियां विवि के प्रोफेसरों की अनुशंसा पर ही मिलती है,जिससे छात्र-छात्राएं भी इनके खिलाफ खुलकर शिकायत करने बाहर नहीं आ पाते हैं, और विवि प्रशासन व स्टाफ की प्रताड़नाओं को झेलते हैं।