पंचायत चुनाव में हो रही देरी पर राज्य सरकार और चुनाव आयोग को उत्तराखंड हाईकोर्ट की फटकार

राज्य में पंचायत चुनाव में हो रही देरी के मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार समेत चुनाव आयोग को फटकार लगाई है, साथ ही राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने के मामले में बुधवार तक शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है।  कोर्ट ने सरकार द्वारा पंचायतों में नियुक्त करे गए प्रशासकों के वित्तीय अधिकार और पॉलिसी बनाने के अधिकारों को भी सीज कर दिया है।
आपको बता दें कि गूलरभोज निवासी पूर्व प्रधान नईम ने हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार राज्य में पंचायत चुनाव समय पर नहीं करा रही है और पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर रही है जो राज्य सरकार द्वारा 2010 में कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के विपरीत है ,वहीं राज्य में सरकार पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव समय पर कराने में असफल रही है, लिहाजा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि 2010 में सरकार की तरफ से मुख्य सचिव द्वारा शपथ पत्र पेश किया गया था कि पंचायत चुनाव समय पर करवाए जाएंगे और पंचायतों में प्रशासक नियुक्त नहीं करे जाएंगे लेकिन मुख्य सचिव इस शपथ पत्र की अवहेलना कर रहे हैं।
 मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।