नैनीताल मानसून मैराथन रही कीनिया के स्टीफन के नाम।

हर साल नैनीताल में आयोजित होने वाली मानसून मैराथन आज नैनीताल में आयोजित की गई जिसमें कीनिया सहित नेपाल की टीमों ने प्रतिभाग किया, इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक प्रतिभाग करने नैनीताल पहुंचे, नैनीताल में आयोजित इस मानसून मैराथन की थीम को नो फोर ड्रग्स रखा गया,ताकि युवाओं को नशे से दूर रखा जा सके।दिव्यांग प्रतिभागी भी इस मैराथन का हिस्सा बने।


इस दसवीं मानसून मैराथन में कीनिया के स्टीफन कोसगे विजेता रहे,जिंनको 50 हजार का नगद पुरस्कार दिया गया।जबकि विपिन कुमार दूसरे और अनिल कुमार यादव तीसरे स्थान पर रहे,वहीं महिला वर्ग में अर्पिता सैनी पहले रेनू कुमारी दूसरे और रेवा पटेल तीसरे स्थान में रही।


मैराथन का शुभारंभ एलआईसी के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक विनय शाह के द्वारा किया गया, इस मैराथन में नैनीताल के स्कूली बच्चों समेत देशभर के 900 से अधिक धावकों ने प्रतिभाग किया। नैनीताल पहुंचे धावकों का कहना है कि नैनीताल के ट्रैक्स बेहद चुनौतीपूर्ण हैं और काफी सुंदर भी है। नैनीताल का मौसम मैराथन जैसे आयोजन के लिए सबसे बढ़िया है,और यहां के ट्रैक राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की मैराथन कराने के लिए भी उपयुक्त है।
मानसून मैराथन के आयोजक अंतर्राष्ट्रीय धावक हरीश तिवारी का कहना है कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है,जहां की भौगोलिक परिस्थितियां विपरीत होती हैं।ऐसे में दूरस्थ क्षेत्र को लक्ष्य बनाया गया की वे छात्र-छात्राएं भी मैराथन में प्रतिभाग कर सकें इसके लिए इस बार बागेश्वर के दूरस्थ क्षेत्र से 22 प्रतिभागियों को मैराथन में प्रतिभाग करने के लिए बुलाया गया।जिन्होंने मैराथन में प्रतिभाग किया इस तरह की मैराथन में प्रतिभाग करने से मनोबल बढ़ेगा और अच्छे अभ्यास के साथ मेहनत करने पर राज्य का नहीं अपितु देश का नाम भी रोशन करने में समर्थ हो पाएंगे।