नैनीताल:कोरोना काल मे सामाजिक दूरी के साथ सादगी से मनाई गई बकरीद

नैनीताल में कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए ईद उल जुहा का त्यौहार सादगी और सौहार्द से मनाया मनाया जा रहा है। जामा मस्जिद नैनीताल मे  सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इर्द उल जुहा की नमाज अता कर देश व दुनिया मे कोरोना से संक्रमण मुक्त करने के साथ ही खुशहाली की दुआए मांगी। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लोगो ने बिना किसी के घर गए फ़ोन पर वीडियो कॉल करके बधाई दी।आपको बता दे कि इस्लाम मजहब की मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी, कहा जाता है कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर इब्राहिम से कहा था कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज का त्याग करें और इसलिए पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था।कहते हैं कि जब पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे को मारने वाले थे, उसी वक्त अल्लाह ने अपने दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे से बदल दिया था,तभी से बकरा ईद अल्लाह में पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है।इस त्योहार को नर बकरे की कुर्बानी देकर मनाते हैं। इसे तीन भागों में बांटा जाता है, पहला भाग रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को दिया जाता है। दूसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों और तीसरा परिवार के लिए होता है।

सामूहिक नमाज की अनुमति नही होने के कारण नैनीताल में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घर पर रहकर ही नमाज अदा कर एक दूसरे को बधाई दी। मल्लीताल स्थित जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद अब्दुल खालिक ने मस्जिद में महज दस लोगों को नमाज अदा करवाई। इमाम ने मुस्लिम समुदाय के लोंगो से अपील की है कि सभी लोग खुले में कुर्बानी न करे और गंदगी न फैलाए इसके लिए पुलिस भी मुस्तेदी से जुटी रही।