नियमों को दरकिनार कर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जारी किया था पास

उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को
बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने का पास जारी होने प्रकरण में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश और
देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव की भूमिका शक के दायरे में आ गयी है इस संदर्भ
में शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने जांच के आदेश दिये है ,कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अनुसार विधायक अमन मणि त्रिपाठी और 10 लोगो को
पास जारी करना उत्तराखंड राज्य के अधिकारियों की चूक माना है । यह चूक किन स्तर पर
हुई और क्या कारण रहे यह जांच का विषय है ।
प्रकरण कुछ इस प्रकार है उत्तर प्रदेश के महाराजगंज
जिले की नौतनवा से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी की 3 गाडियाँ और 8 अन्य व्यक्तियों को जिलाधिकारी कार्यालय
देहरादून से श्रीनगर बद्रीनाथ और केदारनाथ के लिए 4 दिनों का पास जारी किया गया था
पास जारी करने की वजह यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्व0 पिता के पित्र कार्य को दर्शाया गया था इसी पास के जरिये विधायक अमन मणि त्रिपाठी
का काफिला 3 मई रविवार को कर्णप्रयाग तक पहुँच गया लेकिन कर्णप्रयाग पुलिस ने पास को लॉक डाउन के
नियम के विरुद्ध बता कर उन्हे लौटने को बोल दिया जहां बाहुबली विधायक ने एसडीएम चमोली
के साथ भी बदसलूकी की ।
आवाज़ उत्तराखंड को जब यह खबर पता चली तो आवाज़ के संवाददाता
ने योगी आदित्यनाथ के भाई आनंद सिंह बिष्ट से पित्र कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त
की तो उन्होने किसी भी विधायक के द्वारा पित्र कार्य में सहभागिता के लिए मना कर दिया
वरन उन्होने बताया कि वो स्व0 पिता कि अस्थियाँ गंगा में प्रवाहित कर चुके है ,जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर ब्रेक हुई तो उत्तराखंड प्रशासन हरकत में आया
और ऋषिकेश के पास मुनि की रेती पर विधायक अमन मणि त्रिपाठी को रोक लिया गया और उन पर
मुकदमा भी दर्ज़ किया गया लेकिन कुछ देर के पश्चात पुलिस द्वारा निजी मुचलके पर उन्हे
छोड़ भी दिया गया ।
जब इसी बात की सूचना यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को मिली
तो तत्काल कार्यवाही करते हुए विधायक अमन मणि त्रिपाठी को यूपी पुलिस द्वारा बिजनौर
से गिरफ्तार कर लिया गया ।यूपी सरकार के प्रवक्ता ने विधायक अमन मणि त्रिपाठी के उत्तराखंड
प्रदेश जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकृत होने के संबंध में आए
समाचारों को सिरे से नकार दिया है उन्होने बताया कि विधायक द्वारा उत्तराखंड जाने हेतु
पास बनवाने के लिए न तो सीएम योगी ने और न ही उत्तर प्रदेश प्रशासन ने अधिकृत किया
था ।