नगर निगम टैक्स आफिस शिफ्ट करने की तैयारी में

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति को बेहत्तर करने में लगा हुआ है। शहर भर में घर का टैक्स जमा करने को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच नगर निगम अधिकारियों का एक फैसला उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। यह फैसला है देहरादून स्थित विधानसभा के पास स्थित चकशाह नगर के टैक्स आफिस को बंद करने का। एक ऐसे टैक्स आफिस को बंद करने या दूसरी जगह शिफ्ट करने का जिससे सालाना लाखों रूपये टैक्स जमा होता है। क्या है पूरा मामला देखते हैं इस रिपोर्ट मे। राजधानी देहरादून की विधानसभा के पास चकशाह नगर में स्थित टैक्स आफिस आजकल चर्चाओं में बना हुआ है। सलाना 60 लाख से अधिक राजस्व टैक्स के रूप में जमा करने वाले इस आफिस को यहां से बंद कर मथोरोवाला शिफट करने की चर्चायें गर्म हैं। इस आफिस में पिछले कई दिनों से टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। लोग आये दिन टैक्स जमा करने आ रहे हैं लेकिन उनका टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है। कर्मचारी भी लोगों को सही से जवाब नहीं दे पा रहे हैं। टैक्स जमा करने पहुंचे लोगों ने टैक्स आफिस को शिफट करने के विरोध के साथ नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किये। राजधानी के बीचोंबीच स्थित इस टैक्स आफिस के इस नगर निगम की करोड़ो की बेशकीमती जमीन खाली पड़ी हुई है। इस टैक्स आफिस को यहा से शिफट करने पर इस तरह की चर्चायें भी गर्म हैं कि कहीं इस जमीन को खुर्द बुर्द करने की साजिश तो नहीं रची जा रही है। आम जनता की सुविधा के लिये चकशाह नगर में बनाये गये इस टैक्स आफिस को यहां कहीं और ले जाये जाने से जनता बेहद नाराज है। जनता का कहना है कि एक तरफ तो सरकार डिजिटल को बढ़ावा दे रही है । दूसरी तरह जो आफिस ठीक ढंग से काम करते  हैं और शहर के बीचों बींच है उन्हें कहीं और शिफट किया जा रहा है। जो कि गलत है। टैक्स जमा करने आये लोगों ने नगर निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये।इस टैक्स आफिस में काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो यहां हर साल 60 लाख से अधिक टैक्स जमा होता है। नेहरू कालोनी, डिफेंस कालोनी, शास़्त्रीनगर और आसपास के अन्य इलाकों के लोगों को इस आफिस के शहर के बीच में होने से काफी सुविधा है। लोग आये दिन उनके समक्ष इसको शिफट करने को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। आफिस में काम करने वाले और नगर निगम कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सत्येंन्द्र सिंह ने कहा कि उन्होंने लोगों की भावनाओं से मेयर सुनील उनियाल गामा को अवगत कराया है। मेयर साहब से आशवान भी दिया कि यह आफिस शिफट नहीं होगा पर अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं हुई हैं। कर्मचारियों को मोथरोवाला शिफट किया जा रहा है। नगर  निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से आम जनता में खास आक्रोश है। आम जनता की सुविधा को देखते हुए शहर के बीच में बनाये गये आफिस को यदि कहीं और शिफ्ट किया जाता है तो इससे आम जनता को ही परेशानी झेलनी पड़ेगी। अब देखना होगा जनहित को देखते हुए मेयर सुनील उनियाल गामा क्या फैसला लेते हैं।