दैय्या रे दैय्या यशोदा मैय्या इसी को संभाल बड़ा नटखट हैं तेरो नंदलाल

थल बाजार की 70 साल पुरानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समिति की तीन दिन तक चले अखंड भजन कीर्तन के आज डोला विसर्जन के साथ सम्पन्न हो गया है।सायं 5 बजे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का डोला भजन कीर्तन करते हुवे मुख्य बाजार से बालेश्वर महादेव मंदिर होते हुवे निकला। महिलाओं ने जहाँ कृष्ण मुरारी हो तेरा रंग काला क्यों, श्रीकृष्णा खड़े मधुबन में, हँसे मन ही मन में राधिका घर जाना हैं....सहित अनेक भजन सुनाकर मंदिर और बाजार को मथुरामय कर दिया। वहीं पुरुषों ने भी छोटी-छोटी गय्या छोटे-छोटे ग्वाल छोटो सो मेरो मदन गोपाल, नटवर नागर भजो रे मन गोविंदा, दैय्या रे दैय्या यशोदा मैय्या इसी को संभाल, बड़ा नटखट हैं तेरो नंदलाल।कीर्तन गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।भजन -कीर्तन गाते हुवे हर्षोउल्लास से महिलाओं व पुरुषों की कीर्तन मंडली रामगंगा व कोकिला नदी के संगम में पहुँची, जहाँ पर शंख ध्वनि के साथ पुरोहित जगदीश चंद्र जोशी ने पूजा अर्चनाकर डोले का विसर्जन किया।


डोले के साथ भजन कीर्तन मंडली में गरिमा जोशी,नीता पपने,सीमा बिष्ट,शशिकला सत्याल,दीपा जोशी,शांति बिष्ट,हंसा बिष्ट,मीना भंडारी,हंसा बाफिला,जीवंती बाफिला,सुंदरी वर्मा,कमला वर्मा,विन्द्रा क्वीरियाल,ज्योति वर्मा,सुन्दर राम,मनोहर राम,सुरेंद्र पांगती,मनोहर सत्याल,चंद्रमोहन पांगती,नवीन पाठक,दिनेश चंद्र पाठक,गंगा सिंह मेहता,भूपेंद्र जंगपांगी,भूप्पी पांगती,पप्पू बिष्ट,बलवंत सत्याल,कैलाश जोशी,कौस्तुभानंद ततराड़ी,दान सिंह बिष्ट,नीरज जोशी, नानू बर्मा,महेश पाठक,भगवान चंद सहित असंख्य भक्तजन मौजूद थे।