देहरादून नगर निगम वसूलेगा टैक्स

राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां ही सत्ताधारी रही हैं। दोनों ही पार्टियां राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान मानती हैं। लेकिन हकीकत यह है कि दोनों ही नगर का कर चोरी कर रहे हैं।
दरअसल देहरादून नगर निगम ने 2014 में लागू हुए हॉउस टैक्स बिल प्रक्रिया के माध्यम से निगम क्षेत्र में आने वाले सभी आवासीय और गैर-आवासीय भवनों से टैक्स लेना शुरू कर दिया है। और यहां तक कि जिन भवनों स्वामियों ने टैक्स जमा नहीं किया, उन सभी को नोटिस तक भी जारी कर दिया। लेकिन सरकारी भवनों के साथ ही राज्य की सत्ता में रही बीजेपी,कांग्रेस पार्टियां 2014 से लेकर अभी तक अपना एक बार का भी प्रदेश कार्यलयों का टैक्स जमा नहीं कर पाई हैं। ताजुब वाली बात तो यह है कि देहरादून नगर निगम के टैक्स जमा करवाने के दो मापक हैं। जो एक आम जनता के लिए है और दूसरा सत्ताधारी पार्टियों के लिए। आपको बता दें कि जब सत्ताधारी पार्टियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो पार्टियों को तो पहले यह ही नहीं मालूम कि उनके दफ्तरों पर भी टैक्स लगता है। हालांकि पार्टी नेताओं ने निगम द्वारा डिमांड नोटिस न दिए जाने तक टैक्स को जमा न करने की बात कही।