दून मेडिकल कॉलेज में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर,पैथोलॉजी लैब प्रशिक्षु छात्रों के भरोसे

प्रदेश के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज के संविदा कर्मी हड़ताल पर हैं,कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 6 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है,और कई बार आला अधिकारियों से निवेदन करने के बाद भी उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है।कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से दून मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी लैब की व्यवस्थाएं पूरी तरह से गड़बड़ा गई हैं।हालात यह है कि पैथोलॉजी लैब प्रशिक्षु छात्रों के भरोसे चल रही है।संविदा कर्मचारियों की हड़ताल में चले जाने से दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इंटर्नशिप पर आने वाले स्टूडेंट्स को इन पैथोलॉजी लैब में तैनात कर दिया है,अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिना अनुभव के इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स की रिपोर्ट पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।लोगों के स्वास्थ्य के साथ दून मेडिकल कॉलेज इस तरह का खिलवाड़ कैसे कर सकता है।
राजधानी में डेंगू का कहर लगातार जारी है,अकेले देहरादून में अब तक 635 से ज्यादा मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं।बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग मरीजों को लेकर गंभीर नहीं है।दून मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट भी बीमार हैं और दून अस्पताल में भर्ती हैं।हालांकि उनके एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट आनी बाकी है।
दून अस्पताल की लैब से आई जांच रिपोर्ट में 40 मरीजों के सैंपल एलाइजा पॉजीटिव पाए गए। इनमें 23 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल हैं।38 मरीज दून और एक मरीज दूसरे जिले का है।इनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।कुछ को ओपीडी से ही दवाएं देकर चिकित्सकों ने एहतियात और बचाव की सलाह दी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी डेंगू से बचाव और जागरुकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है,लेकिन अभियान कारगर साबित नही हो रहे हैं।वहीँ अस्पताल में आने वाले मरीज बेहद परेशान हैं न समय पर वार्ड मिल पा रहे हैं और ना ही अन्य सुविधाएं ऐसे में हालात बेहद खराब हैं मरीजों को बाहर ही बेड लगाकर इलाज करवाना पड़ रहा है।हालांकि डिप्टी सुपरिटेंडेंट का कहना है कि किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है,कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से फर्क पड़ रहा है,लेकिन जिन स्टूडेंट्स को बुलाया गया है वह सिर्फ जांच में सहयोग करने के लिए हैं।