दिल्ली से लौटे परिवार को पंचायत भवन में क्वारंटीन करने पर ग्रामीणों ने किया हंगामा।

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले शासन-प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। वहीं अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को क्वारंनटाइन करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों का अब ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध भी देखने को मिल रहा है। ऐसा ही मामला कल शाम रामनगर के जस्सागाजा गांव में देखने को मिला, जहां दिल्ली से लौटे एक परिवार को पंचायत भवन में क्वारंटीन करने के विरोध में ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। ग्राम प्रधान के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने तो बाद में परिवार को गांव के सरकारी स्कूल में रखा गया, लेकिन यहां सात माह की गभर्वती महिला को देखते हुए सुविधा नहीं थी। काफी जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने परिवार को उनके ही घर में होम क्वारंटीन किया गया।
ग्राम प्रधान जस्सागांजा निधि मेहरा ने बताया कि दोपहर को जस्सागांजा का रहने वाला एक परिवार दिल्ली से आया था। परिवार में संजय कुमार की पत्नी नीमा, दस साल की बेटी दीपिका व आठ वर्षीय बेटी डॉली है। संजय कुमार की पत्नी नीमा सात माह की गर्भवती है। दिल्ली से आए परिवार को प्रशासन ने गांव के ही पंचायत भवन क्वारंटीन करने लगे तो पंचायत भवन के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का विरोध इस कदर बढ़ा कि उन्होंने परिवार के पंचायत भवन में रहने पर उग्र हंगामा करने की चेतावनी दे डाली। ग्राम प्रधान द्वारा ग्रामीणों को काफी समझाया गया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
इसके बाद देर शाम को परिवार को गांव के बाहर प्राईमरी पाठशाला में ले जाया गया, जहां पर शौचालय भी काफी दूर था। गर्भवती महिला ने यहां रहने पर एतराज जता दिया और कहा कि यदि रात में कोई समस्या होगी तो वह कैसे संभालेंगी। ग्रामीणों के विरोध व गर्भवती महिला की परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने रात करीब आठ बजे के आसपास परिवार को उनके ही घर में होम क्वारंटीन कर दिया। दूसरी ओर ग्राम प्रधान ने हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है।