तीलू रौतेली पुरस्कार

उत्तराखण्ड की ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में युद्ध के रणभूमि में कूद गई थी, और सात साल तक अपने दुश्मनों को कड़ी चुनौती दी थी। उनके इसी साहस को याद करते हुए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 8 अगस्त को उनके जन्मदिन के अवसर पर मनाती है। राजधानी देहरादून में आज तीलू रौतेली के जन्मदिन के अवसर पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने तीलू रौतेली छात्रावास का उद्घाटन किया और उनकी मूर्ति का अनावरण करते हुए, उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया। साथ ही तीलू रौतेली जयंती पर बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश में बेहतर और साहसिक कार्य किए हैं, उनको सम्मानित किया।


इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि महिलाएं समाज में किसी से कम नहीं हैं। हमें तीलू रौतेली से प्रेरणा लेकर बेटियों को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे, बच्चियों व महिलाओं पर बुरी नजर रखने वालों को जेल भेजना होगा। उन्होंने तीलू रौतेली पुरस्कार जीतने वालों को शूभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। साथ ही सभी से पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि अपने घर में कोई भी शुभकार्य होने पर एक पेड़ जरुर लगाएं।


इस वर्ष तीलू रौतेली पुरस्कार विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं-

अल्मोड़ा से गीता देवी, अल्मोड़ा से गंगा बिष्ट, बागेश्वर से विशाखा, चंपावत से सीमा देवी, देहरादून से नीरजा गोयल, देहरादून से आशा कोठारी, पिथौरागढ़ से लक्ष्मी भट्ट, पिथौरागढ़ से खीमा जेठी, हरिद्वार से बेबी नाज,नैनीताल से कनक चंद्र, नैनीताल से समृद्धि बहुगुणा, नैनीताल से मुन्नी देवी,रुद्रप्रयाग से नूतन वशिष्ठ, उत्तरकाशी से शांति ठाकुर, उधमसिंहनगर से डॉक्टर ज्योति गांधी, उधमसिंह नगर से कुमारी पूजा,उधमसिंह नगर से रजनीश बत्रा।