तीर्थ पुरोहितों ने शंख-घंटी लेकर, तो विपक्ष ने नारायण-नारायण जप कर किया सरकार का विरोध

12 बजे बाद सदन की कार्रवाई शुरु होते ही एक बार फिर से विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, एक तरफ सरकार अन्य विधेयक सदन के पटल पर रख रही थी,तो वहीं विपक्ष नारायण-नारायण का जप करते हुए वेल पर आ गया।विधानसभा अध्यक्ष ने एक बार फिर सदन की कार्रवाई लंच तक के लिए स्थगित कर दी।संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने विपक्ष पर आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष पिछले तीन दिनों में जनहित के मुद्दों को अच्छे से सदन के भीतर नहीं उठा पाया, जिसका परिणाम यह हुआ कि विपक्ष के नेता सदन न चलने देने पर आमादा हैं, उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष के ही एक सदस्य ने चारधाम श्राइन बोर्ड पर नियम 58 के तहत चर्चा करने की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस के किसी भी सदस्य ने उसमें सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमने विपक्ष से कहा कि वह नियमों के तहत मुद्दे को सदन में उठाए और वह जिस नियम के तहत बहस करना चाहेंगे हम उस नियम के तहत बहस करने को तैयार हैं।साथ ही उन्होंने विपक्ष सेे कहा कि सरकार श्राइन बोर्ड विधेयक पर विस्तृत चर्चा करना चाहती है,आपने यह कैसे जान लिया कि सरकार बिना चर्चा के यह विधेयक पास कराना चाहती है।उन्होंने कहा कि सदन का चलने देना प्रदेश की जनता का घोर अपमान है।
वहीं चारधाम श्राइन बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने हाथ में शंख-घंट लिअ फिर विधानसभा के लिए कूच किया, हालांकि विधानसभा से कुछ दूर पहले ही पुलिस ने बैरीकेडि़ंग लगाकर उन्हें रोक दिया,जिसके चलते पुरोहितों औऱ पुलिस में तीखी नोंक-झोंक भी हुई, तीर्थ पुरोहित सरकार से श्राइन बोर्ड़ वापस लो की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए।