तब्लीगी जमात के नक्शे कदम पर चल रही कांग्रेस राजेश शुक्ला

उत्तराखंड के जिला मुख्यालय ऊधम सिंह नगर में कुछ दिन पूर्व हुए आपसी विवाद और गोलीकांड पर सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है । जहां एक तरफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ ने जिला मुख्यालय के पुलिस कार्यालय पर आंदोलन का आव्हान करते हुए धरना दिया तो इसके कुछ देर बाद किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने कड़े तेवर दिखाते हुए प्रेस वार्ता  की । प्रेस वार्ता में बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला ने काग्रेस पर निशाना साधते हुए कोरोना महामारी के प्रसार के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरे तब्लीगी जमातियों की संज्ञा देते हुये काग्रेस को कठघरे में खड़ा कर क्षेत्र ओर राज्य को नुकसान पहुंचने का संगीन आरोप भी लगाया ।

राजेश शुक्ला ने इस दौरान कहा कि देश इस वक़्त कोरोना की महामारी से जूझ रहा है तो वहीं कांग्रेसी देश में इस महामारी के वक़्त  तब्लीकी जमातीयों की तरह काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि जिस तरह महामारी मे तब्लीकी जमातीयों ने पूरे देश को नुकसान पहुंचाने का काम किया है तो वही उसी के पद चिन्हों पर चलते हुए कांग्रेसी गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे है । 

 विधायक राजेश शुक्ला ने बेहड़ का समर्थन दे रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश एवं अन्य कांग्रेसी नेताओं द्वारा किए जा रहे सत्याग्रह को नौटंकी करार देते हुए कहा कि जिस मल्सा कांड के आरोपी को गिरफ्तार कराने एवं पूर्व मंत्री पर मुकदमा कायम होने के विरोध में जो सत्याग्रह आंदोलन हो रहा है उस गोलीकांड का प्रमुख आरोपी कांग्रेसी कार्यकर्ता है जिसे अभी तक कांग्रेस ने अपनी पार्टी से नहीं निकाला है ।  


बतौर किच्छा विधायक राजेश शुक्ला सितारगंज के पूर्व विधायक, किच्छा में कांग्रेस नगर अध्यक्ष व सभासद ,रुद्रपुर के पूर्व विधायक  एवं सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके स्थानीय नेताओं पर लॉक तोड़ने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत हुआ है इस पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण हैं विधायक शुक्ला ने कहा कि दिल्ली से आने पर जब सत्ता पक्ष के विधायक व पूर्व सीएम के बेटे सौरभ बहुगुणा तक को क्षेत्र में घूमने की अनुमति ना देकर उन्हें घर में होम करंटटाइम किया गया है तो इसमें भेदभाव कहां से आ गया विधायक शुक्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत तमाम कांग्रेसियों से सवाल करते हुए कहा कि तथाकथित सत्याग्रह करने वाले यह बताएं कि मल्सा में गोली चलाने के लिए लालपुर से पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ता क्या महात्मा गांधीजी के अहिंसा परमो धर्म: के सिद्धांत का अनुपालन करने मलसा गए थे ?

विधायक शुक्ला ने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए कि मल्सा में मजदूरों व ग्रामीणों के बीच मामूली विवाद के तीसरे दिन लालपुर से कांग्रेसी कार्यकर्ता मोनू खान अपने साथियों के साथ मल्सा में रात्रि को फायरिंग करने किसके इशारे पर पहुंचा ? और जब अपर पुलिस अधीक्षक स्वयं उस रात्रि वहां जांच कर रहे थे तो जांच में बाधा पहुंचाने की नियत से पूर्व मंत्री लॉकडाउन तोड़कर मीटिंग क्यों करने लगे जबकि 3 दिन से वहां के विवाद को सुलझाने की याद उन्हें नहीं आई ।