डेंगू पर राजनीति

उत्तराखंड में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।प्रदेश में डेंगू अब तक कई लोगों की जान भी ले चुका है।वहीं अब इस मामले पर प्रदेश में राजनीति भी शुरु हो गई है।इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कल मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून का घेराव भी किया।अकेले राजधानी देहरादून में डेंगू के मरीजों के आंकड़े 800 के पार पहुंच गए हैं।स्वास्थ्य विभाग की सभी कोशिशें पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रही हैं।खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास स्वास्थ्य विभाग है।इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी प्रदेश के 5 आईएएस अधिकारी भी निभा रहे हैं।ऐसे में डेंगू का जो कहर जारी है,इस पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं,कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने डेंगू के बढ़ते मामलों और लगातार हो रही मौतों के साथ बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर नाराजगी जताई। धस्माना ने देहरादून समेत राज्य के अन्य शहरों हल्द्वानी, कोटद्वार, रुड़की, ऋषिकेश और हरिद्वार में डेंगू के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की मांग की।धस्माना ने कहा कि देहरादून में ही डेंगू के कारण कई मौतें हो चुकी हैं,और कई मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।डेंगू महामारी का रूप धारण कर रहा है पर न तो सरकार न ही स्वास्थ्य विभाग इसका संज्ञान ले रहे हैं।
वहीं विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस को ही डेंगू होने की बात कही है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस संगठन को पिछले 2 साल से डेंगू हो गया है और पहले कांग्रेस अपने संगठन के डेंगू को दूर करें फिर कोई और बात करे। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे रही है,और डेंगू की रोकथाम और मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के निर्देश अधिकारियों को पहले ही दे दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार भले ही डेंगू के रोकथाम व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाख दावे कर रही हो,लेकिन प्रदेश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं,सरकारी अस्पतालों में स्तिथि बेहद खराब है।