डेंगू का डंक

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में इन दिनों डेंगू के डंक से जहां मरीज हलकान हैं, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग भी लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर परेशान है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग डेंगू के प्रति जागरुकता, फांगिग, लार्वा नष्ट करने को टीम बनाकर भेजने जैसे लाख दावे कर रहा है। लेकिन इन दावों के बावजूद भी डेंगू के नए मामले सामने आते जा रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हमेशा ही उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा अक्सर सुर्खियों में बना रहता है, चाहे मामला इलाज करने का हो या फिर मरीजों की देखभाल का।पूरे प्रदेश में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 250 से अधिक हो चुकी है,जिसमें अकेले देहरादून में ही 245 मामले सामने आ चुके हैं,जिनसें से 1 मरीज की महंत इन्द्रेश अस्पताल में मौत हो चुकी है। दून अस्पताल में इलाज के लिए आए डेंगू के मरीजों का कहना है कि यहां ना तो सही समय पर उपचार मिल रहा है, और ना ही उन्हें डॉक्टर देखने को आ रहे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार स्वास्थ्य स्वास्थ्य किस तरह से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है। 

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के ये हाल तब हैं, जब खुद सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत इस विभाग को देख रहे हों, लेकिन बावजूद इसके डेंगू के मामलों में विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार इसको लेकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में दौरा भी कर रहा है, और बैठेके भी की जा रही हैं, लेकिन नतीजा बेअसर साबित हो रहा है।वहीं दून अस्पताल के डिप्टी सीएमएस डॉक्टर एनएस खत्री की मानें तो डेंगू लगातार बढ़ रहा है, जो कि विभाग के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पहले एक या दो मामले सामने आ रहे थे, लेकिन एक दो दिन से अब 20 से 30 मामले हरदिन सामने आ रहे हैं।साथ ही उन्होंने बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल में मैनपावर की कमी भी बताई।